नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यायपालिका से शनिवार को आग्रह किया कि वह विभिन्न कारागारों में बंद एवं कानूनी मदद का इंतजार कर रहे विचाराधीन कैदियों की रिहाई की प्रक्रिया में तेजी लाए.
पीएम मोदी ने अखिल भारतीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की पहली बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि व्यवसाय की सुगमता और जीवन की सुगमता जितनी महत्वपूर्ण है, न्याय की सुगमता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘कारागारों में कई विचाराधीन कैदी कानूनी मदद मिलने का इंतजार कर रहे हैं. हमारे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विचाराधीन कैदियों को कानूनी सहायता मुहैया कराने की जिम्मेदारी ले सकते हैं.’ पीएम मोदी ने सम्मेलन में भाग लेने वाले जिला न्यायाधीशों से आग्रह किया कि वे विचाराधीन मामलों की समीक्षा संबंधी जिला-स्तरीय समितियों के अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यालयों का उपयोग करके विचाराधीन कैदियों की रिहाई में तेजी लाएं.
प्रधानमंत्री मोदी ने उल्लेख किया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने इस मामले में एक अभियान शुरू किया है. उन्होंने बार काउंसिल ऑफ इंडिया से इस प्रयास में और अधिक वकीलों को जोड़ने का आग्रह किया.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसी समाज के लिए न्याय प्रणाली तक पहुंच जितनी जरूरी है, उतनी ही जरूरी न्याय वितरण प्रणाली भी है. इसमें एक अहम योगदान न्यायिक अवसंरचना का भी होता है. पिछले आठ वर्षों में देश के न्यायिक अवसंरचना को मजबूत करने के लिए तेज गति से काम हुआ है.