Dhirendra Krishana Shastri Bail: दलित के घर फायरिंग मामले में गिरफ्तार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के भाई शालिग्राम गर्ग को कोर्ट से जमानत मिल गई है। शालिग्राम गर्ग कोर्ट परिसर में मास्क लगाए रहे हैं।
मुंह मोड़कर बैठ रहा शालिग्राम गर्ग
गिरफ्तारी के बाद शालिग्राम गर्ग लोगों से नजरें नहीं मिला रहा था। कोर्ट परिसर में भी वह मुंह मोड़कर बैठा हुआ था। साथ ही मीडिया के कैमरे से भी दूरी बनाए रखने की कोशिश थी। शालिग्राम गर्ग के साथ इस मामले में आरोपी जीतू तिवारी को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
चेहरे पर मास्क
भाई के वायरल वीडियो की वजह से पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की इमेज को भी नुकसान पहुंचा है। शालिग्राम गर्ग को पुलिस कोर्ट में पेशी के लिए लेकर आई तो चेहरे पर ब्लैक कलर का मास्क था। अदालत में सुनवाई के बाद बाहर निकले शालिग्राम गर्ग चेहरे पर ब्लैक मास्क लगाए रखे हैं। वह कैमरे से चेहरा छुपा रहे थे।
स्कूटी से निकल गए शालिग्राम गर्ग
वहीं, मामले में जमानत मिलने के बाद शालिग्राम गर्ग और दूसरा आरोपी जीतू तिवारी कोर्ट से बाहर निकला। इसके बाद बाहर में खड़ी स्कूटी पर सवार होकर शालिग्राम गर्ग वहां से निकल गया। जमानत मिलने के बाद शालिग्राम गर्ग ने किसी से बात नहीं की है। सीधे घर के लिए निकल गया है।
क्यों मिल गई जमानत
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के भाई पर एससी-एसटी एक्ट के अलावा 25/27 की धारा भी लगाई गई है। जमानत मिलने के बाद वकील ने कहा कि स्पेशल कोर्ट में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के भाई मामले की सुनवाई हुई है। दोनों को बमीठा थाने ने गिरफ्तार कर पेश किया था। उनके खिलाफ कई धाराएं लगाई गई थीं। आरोपी के वकील ने कोर्ट में दलील दी है कि वहां उनकी ख्याति हो रही है। इसलिए उन्हें गलत तरीके से इस अपराध में फंसाया गया है। वहीं, जिस वीडियो के आधार पर केस दर्ज हुआ है, वह देर से हुई है। वकील ने दलील दी है कि उस वीडियो की प्रामणिकता की जांच के बिना इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता है कि आरोपी दोषी है। जांच के बाद ही आगे फैसला होगा। इसके बाद कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 25-25 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी है।
क्या था मामला
21 फरवरी को बमीठा थाना क्षेत्र के गढ़ा गांव में एक दलित परिवार के घर बेटी की शादी थी। यहां पर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के भाई का हंगामा करते हुए वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई और मामले में अपराध दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी थी। 12 दिनों बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था।