टीबी से बचा जा सकता है, जागरूक रहें

प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी ने टीबी दिवस पर लोगों काे बचाव के तरीके बताएं हैं। आईजीएमसी के कम्युनिटी मेडिसन के डॉ. अमित ने कहा कि लोगों को पहचान करनी होगी की उन्हें टीबी है या नहीं। इसके लक्षण काफी सामान्य हैं। टीबी का सबसे प्रमुख लक्षण है कि अगर दो हफ्ते तक खांसी हो और साथ में हल्का बुखार हो, भूख कम होना, खांसी में खून, पेट में दर्द, जोडों में दर्द या सिर दर्द आदि हो हो सकता है।
अगर दो हफ्ते से अधिक खांसी हो -अगर किसी को दो हफ्ते से अधिक की खांसी है तो उसे एक बार अपने बलगम की जांच करा लेना चाहिए।
इसकी जांच किस तरह की होती है? इसकी जांच बड़ी आसान है। सिर्फ दो बार खंखार-बलगम के सैंपल देने के बाद पता लग सकता है कि उसे टीबी है या नहीं। जिन्हें लगातार खांसी हो उन्हें एक बार बलगम की जांच जरूर करा लेना चाहिए।
यह बीमारी शरीर में कैसे प्रवेश कर जाती है? यह एक संक्रामक बीमारी हो जो कि खांसने से फैलती है। ऐसे में जो टीबी मरीज हैं उन्हें सलाह देते हैं कि खांसते समय मुंह पर कपडा या रुमाल बांधे। इधर-उधर नहीं थूके ताकि दूसरे को टीबी फैलने से बचाया जा सके।

आइजीएमसी ओपीडी के आधार पर महीने में 200 से 300 मरीजो की जांच टीबी के लिए करवाया जाता है जिसमे 150 से 170 मरीजो में टीबी पाया जाता है।जिसमे 5से 6 फीसदी बच्चे भी होते है। आइजीएमसी में कम्युनिटी मेडिसिन में सहायक प्रोफेसर डॉ अमित सचदेवा का कहना है कि टीबी का ईलाज सम्भव है।।उनका कहना था की प्रतिवर्ष देश भर में लाखों।मरीज टीबी के सामने आते है ओर इसमें अधिकतर की।मौत भी हो जाती है। उन्होंने बताया कि टीबी के मरीजो का निशुल्क ईलाज कियाजाता है और सरकार की तरफ से 500 रुपय प्रति महीने दिया जाता है।

विश्व टीबी दिवस पर आज आइजीएमसी विशेष

टीबी मरीज में इस तरह के मिलते हैं लक्षण
1. दो हफ्ते से अधिक समय से खांसी।
2. दो हफ्ते तक बुखार आना
3. तेजी से शरीर का वजन घटना
4. रात में सोते वक्त पसीना आना

टीबी संक्रमितों को कोविड-19 बीमारी होने का खतरा दो गुना अधिक
केंद्र से जारी गाइडलाइन में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि तमाम शाेध में विशेषज्ञाें ने पाया है कि टीबी का सक्रिय (एक्टिव) और छिपा हुआ संक्रमण (लेटेंट) हिस्ट्री सार्स-कोविड बीमारी के लिए सर्वाधिक जोखिम कारक है। इससे कोविड संक्रमण की संवेदनशीलता काफी बढ़ जाती है और तेजी से गंभीर लक्षणों के साथ बीमारी उभरकर सामने आती है। टीबी से संक्रमित लोगों को कोविड-19 बीमारी होने का खतरा दोगुना से अधिक पाया गया है। इस जोखिम की स्थिति से निपटने के लिए टीबी-कोविड जांच प्रक्रिया अपनाया जाना जरूरी हो गया है।

यह है टीबी का इलाज
टीबी का इलाज पूरी तरह मुमकिन है। सरकारी अस्पतालों और डॉट्स सेंटरों में इसका फ्री इलाज होता है। सबसे जरूरी है कि इलाज पूरी तरह टीबी ठीक हो जाने तक चले। बीच में छोड़ देने से बैक्टीरिया में दवाओं के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है और इलाज काफी मुश्किल हो जाता है क्योंकि आम दवाएं असर नहीं करतीं। अगर 3 हफ्ते से ज्यादा खांसी है तो डॉक्टर को दिखाएं। दवा का पूरा कोर्स करें, वह भी नियमित तौर पर होना चाहिए।