टूटी झोपड़ी में अकले दर्द से कराहती है 70 वर्षीय महिला, रोने की आवाज पर पड़ोसी देते हैं खाना

जशपुर. छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के नगर पंचायत बगीचा के वार्ड क्रमांक 13 में 70 वर्षीय भगमनिया बाई एक मकान में अकेले रहती थीं. वृद्धा के पति की मौत लगभग 25-30 साल पहले हो चुकी है और वृद्धा की कोई संतान नहीं होने की वजह से यह आने मकान में अकेले रहती थी. डेढ़ साल पहले बीमार हुई थी. उसके बाद आसपास के लोग उसे अस्पताल ले गए उनका इलाज कराया लेकिन बुजुर्ग महिला ठीक नहीं हुईं. महिला पिछले डेढ़ सालों से न चल पाती हैं न बोल पाती हैं. आसपास के लोगों का कहना है कि महिला को लकवा हुआ है.

वृद्धा अपने एक कमरे के मकान में रहती हैं. वृद्धा का मकान अब पूरी तरीके से जर्जर हो चुका है. यह मकान जगह जगह से टूट रहा है और इस घर मे दरवाजा तक नहीं है. आसपास के लोगों ने मकान में प्लास्टिक डाल रखा है. ताकि टूटे हुए छप्पर से बारिश का पानी घर के अंदर और घर की मिट्टी की दीवार पर ना गिरे. घर इतना जर्जर हो चुका है की ये कभी भी धराशाई हो सकता है. इस महिला के दूर के रिश्तेदार नगर पंचायत बगीचा के दूसरे वार्ड में रहते हैं, पर वो भी कभी कभी ही महिला के पास आते हैं. आसपड़ोस के लोगों की मांग है कि महिला को शासकीय मदद मिले.

पड़ोसियों ने लगाई मदद की गुहार
महिला के पड़ोसी कहते हैं कि उनके मकान की मरम्मत हो जाये और महिला का इलाज हो ताकि महिला फिर से चल सकें. उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है. ऐसे में यदि प्रशासन से मदद मिल जाती है तो महिला को बड़ी राहत होगी. नगर पंचायत बगीचा के सीएमओ नीलेश केरकेट्टा का कहना है कि महिला की स्थित को लेकर जानकारी मिली है. उन्हें जल्द ही सरकार के नियमानुसार सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. हमारी टीम महिला को हर संभव मदद देने की कोशिश करेगी.