तालाब से घिरे घर पर तिरंगा फहराना था मुश्किल, फिर एसडीओपी ने किया सैल्यूट करने वाला काम

निवाड़ी/टीकमगढ़. मध्य प्रदेश में 13 अगस्त से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा फहराना है. इसके लिए अधिकारी कोई भी कसर छोड़ना नहीं चाहते. कुछ इसी तरह की चाहत को लेकर पृथ्वीपुर एसडीओपी का गजब का जज्बा देखने को मिला. उन्होंने काफी विचार करने के बाद नाव तैयार कराई और तिरंगा उस घर तक पहुंचाया. ये देख घर में रहने वालों की आंखें नम हो गईं. घर की बुजुर्ग ने तिरंगे को माथे से लगाया और एसडीओपी को 20 रुपये दिए. बुजुर्ग ने कहा कि हम यही सोच रहे थे कि काश कोई हमारे घर आए और प्रशासन ने हमारी सुन ली. एसडीओपी ने कहा कि हम लोग मिलकर तय कर चुके हैं कि इस गांव में बिना तिरंगे का कोई घर नहीं रहेगा.

गौरतलब है कि, निवाड़ी जिले का एक गांव है लड़वारी. इस गांव में मिथिला केवट अपने परिवार के साथ रहती है. लेकिन, इस बारिश में तालाब लबालब हो गया और उसका घर चारों से इसके पानी से घिर गया. इस घर तक पहुंचने के सारे रास्ते बंद हो चुके हैं. परिवार गांव से कट चुका है. ऐसे में हर घर तिरंगा लगाने के लिए सर्च पर निकले एसडीओपी संतोष पटेल की नजर उस घर पर गई. पटेल ने देखा कि इस घर तक तिरंगा पहुंचाना मुश्किल है, लेकिन पुहंचाना तो पड़ेगा. उन्होंने बहुत सोच-विचार किया और फिर अंत में तय किया कि नाव से उस घर तक पहुंचाया जाएगा.

एसडीओपी ने कही ये बात
इसके बाद उन्होंने अपने कुछ साथियों को लिया और नाव में सवार होकर उस घर तक तिरंगा ले गए. एसडीओपी पटेल ने जब तिरंगा वृद्ध महिला मिथिला केवट को दिया तो उनकी आंखें भर आईं. मिथिला ने तुरंत पटेल के हाथों से ध्वज लेकर सिर से लगाया. इसके बाद उन्होंने साड़ी के पल्लू की गांठ खोली और 20 रुपये निकालकर पटेल को दिए. इस मामले पर पटेल ने कहा कि मैं लड़वारी गांव में तिरंगे को लेकर लोगों से अपील करने पहुंचा था. लेकिन, इस घर को देखा तो लगा कि यहां रास्ते से जाना संभव नहीं होगा. इसके बाद इसलिए में गांव की मदद ली और तिरंगा लेकर घर पहुंचे. हम नहीं चाहते थे कि कोई भी घर बिना तिरंगे के रह जाए.