तीन प्रवक्ताओं के सहारे चल रहा चिंतपूर्णी कॉलेज
यहां तक कि कार्यरत प्राचार्य को भी बदल दिया गया। कॉलेज का प्रबंधन देख रहे प्राचार्य एसके बंसल ने बताया कि कॉलेज मात्र पांच कनाल भूमि पर बना हुआ है और इसके लिए करीब 18 कनाल जमीन स्थानीय भूमि मालिक देना चाहते हैं, लेकिन सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया।
कॉलेज से रिटायर हुए चिंतपूर्णी निवासी जीतलाल कालिया यहां पर अपनी निशुल्क सेवा प्रदान कर रहे हैं, ताकि यहां पर शिक्षा ग्रहण रही बच्चियों का भविष्य उज्जवल हो सके। स्थानीय निवासी निरंजन कालिया, होशियार सिंह, विनोद कुमार, जीवन कालिया ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द चिंतपूर्णी राजकीय महाविद्यालय में स्टाफ की कमी को पूरा किया जाए, तथा भूमि मालिकों को पैसा देकर जमीन कॉलेज के नाम की जाए।
कॉलेज से रिटायर हुए चिंतपूर्णी निवासी जीतलाल कालिया यहां पर अपनी निशुल्क सेवा प्रदान कर रहे हैं, ताकि यहां पर शिक्षा ग्रहण रही बच्चियों का भविष्य उज्जवल हो सके। स्थानीय निवासी निरंजन कालिया, होशियार सिंह, विनोद कुमार, जीवन कालिया ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द चिंतपूर्णी राजकीय महाविद्यालय में स्टाफ की कमी को पूरा किया जाए, तथा भूमि मालिकों को पैसा देकर जमीन कॉलेज के नाम की जाए।