‘दंगल गर्ल’ मुस्कान ने जीती वर्ल्ड चैंपियनशिप, गरीबी की चुनौतियों के बीच ओलंपिक 2028 जीतना है लक्ष्य

रोहतक. दंगल गर्ल के नाम से मशहूर रोहतक की रहने वाली मुस्कान ने एक बार फिर से सबको चौंका दिया है. किर्गिस्तान में हुई अंडर 17 एशियन कैडेट कुश्ती चैंपियनशिप जीतने के तुरंत बाद इटली में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया. महज 6 दिनों के अंतराल में दुनिया भर में कुश्ती के दो महत्वपूर्ण मुकाबलों में गोल्ड मेडल जीतकर मुस्कान ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है. मुस्कान ने दोनों चैंपियनशिप में जापान की खिलाड़ी को परास्त किया है.

40 किलोग्राम भार वर्ग में कुश्ती लड़ने वाली मुस्कान अंतरराष्ट्रीय पहलवान साक्षी मलिक के अखाड़े में प्रैक्टिस करती  हैं. वह मूल रूप से झज्जर के ढराणा गांव की रहने वाली हैं. वह सिर्फ कुश्ती करने के लिए रोहतक आईं. उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रही है. पूरे परिवार की गुजर बसर मुस्कान के दंगल में जीतने वाली इनाम राशि से ही चलता है.

लड़कों से भी करती हैं कुश्ती, इनाम की रकम से ही चलता है खर्च
उसने 6 साल पहले कुश्ती तब शुरू कीए जब साक्षी मलिक ने रियो ओलंपिक में पदक जीता. मुस्कान सभी दंगलों में कुश्ती लड़ने के लिए जाती हैं और खास बात यह है कि वह दंगल में अपने भार वर्ग में लड़कों के साथ भी कुश्ती लड़ती हैं. उसके पिता का कहना है कि दंगल में जीती गई इनाम राशि से ही परिवार का गुजर- बसर होता है.

साक्षी मलिक के ससुर उठाते हैं मुस्कान की डाइट का खर्च
साक्षी मलिक के ससुर सत्यवान पहलवान मुस्कान की डाइट का खर्च उठाते हैं. वे रोहतक में सिर्फ मुस्कान को कुश्ती कराने के लिए लाए हैं और यहां पर एक किराए के मकान में रहते हैं.

2028 के ओलंपिक पर है मुसकान पहलवान की नजर
वहीं पहलवान मुस्कान ने कहा कि बचपन से उसे कुश्ती का शौक था और साक्षी मलिक को देखकर उसने कुश्ती करने की ठानी. उसे भरोसा था कि वह वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतेगी, लेकिन उसका लक्ष्य 2028 का ओलंपिक है. वह चाहती है कि देश के लिए पदक जीत कर लाएं और देश का नाम रोशन करें.