जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं अपने से छोटे को या जो हमारे अनुभव के अनुरूप नहीं होते हैं उन्हें मशवरा देना शुरु करते हैं। हमारी भी इच्छा होती है कि कोई हमें भी जीवन के बहुमूल्य ज्ञान देता जिससे जीवन में आगे बढ़ने की हमारी भी राह आसान हो जाती।
आपके जीवन की राह को आसान बनाने के लिए हमने देश के कारोबारी दिग्गजों के कुछ चुनिंदा सुझावों की सूची तैयार की है। तो समय व्यर्थ न करते हुए इन बहुमूल्य सुझावों पर अमल करते हैं।
एन आर नारायण मूर्ति: भारत के सबसे शक्तिशाली उद्योगपति में से एक हैं। उन्होंने हर बाधाओं का डटकर सामना कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है जिसका नाम इन्फोसिस है। उनका मानना है:
1) आप असफल हो सकते हैं मगर जैसे भी हो शुरुआत करें
ग़लतियों से सीखें और आगे बढ़ें। इन्फोसिस नारायण मूर्ति का पहला व्यवसाय नहीं था। उन्होंने इन्फोसिस से पहले साॅफ्ट्रोनिक्स की स्थापना की थी जो 18 महीने में ही बंद हो गई। उनसे ग़लतियाँ हुई और उन्होंने उन विफलताओं से सीखा। लेकिन तब क्या होता यदि उन्होंने प्रयास नहीं किया होता?
2) सक्रिय रहें
नारायणमूर्ति का मानना है कि, “वे लोग ही सफल होते हैं जो गति, कल्पना, उत्कृष्टता और क्रियान्वयन का प्रयोग करते हैं।” हम जो करते हैं, जिस विचार को अंजाम देते हैं, और जो कदम बढ़ाते हैं वह एक बड़े काम का छोटा हिस्सा होता है, जब ये आपस में जुड़ेंगे तो पूर्णरूपेण एक सार्थक आकृति बनेगी।
3) संतुलित कार्य-जीवन
इन्फोसिस के जनक का मानना है कि, “कार्य-जीवन संतुलन की अवधारणा को वास्तविक रुप से कहा नहीं जा सकता।” सबसे पहले, हमें जिन्दगीं जीने की ज़रूरत है, फिर काम-जीवन संतुलन की अवधारणा बनती है।
4) यह सब अस्थायी है
“जब दुनिया में आपकी पहचान बन जाए तो हमेशा यह याद रखें कि जो सम्पत्ति हम कमाते हैं चाहे वह वित्तीय हो, बौद्धिक हो या भावनात्मक हो, हम सभी ही उसके अस्थायी संरक्षक हैं। कम भाग्यशाली लोगों से अपने धन को साझा करना ही उसका बेहतरीन उपयोग है।
रतन टाटा: जब भी सादगी की बात आए, तो इस व्यक्ति ने उसकी परिभाषा को एक नया विस्तार दिया है। वे अपनी कुल आय का लगभग 65 फीसदी लोक हित के कार्यों में दान करते हैं। लेकिन, मामूली आदमी से दुनिया के प्रतिष्ठित दिग्गजों में से एक बनने की उनकी यात्रा आसान नहीं रही है।
5) प्रतियोगिता से प्रेरित हो
सामान्यतः आम जनो के लिए प्रतियोगिता का मतलब एक बुरे सपने जैसा है। लेकिन वास्तव में, प्रतिस्पर्धा होना हमारे लिए एक वरदान है। यदि आपके पास कुछ ऐसा है तो हतोत्साहित नहीं हो बल्कि आप दूसरों से कैसे बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं, उसपर ध्यान दें। उनसे बेहतर बने और अपनी छवि स्थापित करें।
6) जो नहीं हो सकता है वह करें
हां, असंभव को संभव बनाए। श्री मान टाटा मानते हैं कि यदि आपके पास कुछ ऐसा है जो आपको लगता है कि प्राप्त किया जा सकता है, लेकिन दूसरों को लगता है कि ऐसा नहीं हो सकता है, तो वह निश्चित रूप से आपको करना चाहिए।
7) तर्कसंगत बने
रतन टाटा मानते हैं कि, “जोखिम कारोबारी गणित का एक अनिवार्य हिस्सा है। नहीं चाहते हुए भी आप पर संकट आ सकती है, ऐसी स्थिति में आपको बेहद समझदारी से सही कदम उठाने की जरुरत है ना कि हार मान लेने की। दूसरी ओर, तर्कसंगत रुप से, विशिष्ट लक्ष्य हेतु आप और अधिक गंभीर जोखिम का सामना करने के लिए तैयार होते हैं।”
8) स्वस्थ रहें
यह जग जाहिर है कि सफलता के फल का आनंद लेने के लिए हमारे स्वास्थ्य को अच्छी स्थिति में होना चाहिए जो यत्नपूर्वक किए गए उस वृक्षारोपण से उत्पन्न होता है जिसे कड़ी मेहनत कहा जाता है।
अजीम प्रेमजी: विप्रो को आधुनिक भारत के सर्वश्रेष्ठ संगठनों में से एक बनाने के लिए विप्रो के अध्यक्ष ने कोई कसर नहीं छोड़ी।
9) विफलता ही सफलता की राह दिखाती है
हमारी विफलताओं के सबक को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है क्योंकि विफलता उन सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों में से एक है जो हमें सफलता की राह दिखाती है। वे क्या कारण थे जिससे आपका पिछला प्रयास असफल रहा उन कारणों का विश्लेषण करें, उनसे सीखें और आप पायेंगे कि आपकी राह धीरे-धीरे आसान होती जाएगी।
10) ज़मीन से जुड़े रहें
सफल गतिविधियों के बाद ज़मीन से जुड़े रहना एक बहुत महत्वपूर्ण पहलू है। चाहे आपकी सफलता कितनी भी बड़ी हो जाए, हमेशा अपने पैरों को ज़मीन पर और अपनी दृष्टि आकाश के ऊपर रखें।
मुकेश अंबानी: जब परिचय की बात हो तो इस व्यक्ति को किसी की जरूरत नहीं। भारत में सबसे अमीर और दुनिया के 36वें रईस के नेतृत्व में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने नई ऊँचाइयों को छुआ है।
11) अपनी राह का अनुसरण करें
आप अपने जीवन में जो करना चाहते हैं उसकी स्पष्ट परिकल्पना होना अच्छी बात है। अलग और अद्वितीय पथ का अनुसरण करना पूरी तरह से सही है। यह आपकी सफलता को सुनिश्चित कर सकता है यदि इसे हासिल करने के लिए आवश्यक कड़ी मेहनत की जाए तो।
12) आलोचनाओं को सकारात्मक रूप में लें
एक व्यक्ति के रूप में यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हमारे आलोचक जो हमारे बारे में कह रहे हैं उस पर सोच विचार किया जाए। नाकारात्मक कहने वाले हमें नीचे ले जाते हैं, लेकिन यहाँ एक दिलचस्प तथ्य है: यदि आप वास्तव में उन नाकारात्मक शब्दों का प्रयोग प्रेरणा के रूप करते हैं तो आप उससे बहुत लाभान्वित होंगे। उन नाकारात्मक शब्दों से हतोत्साहित होकर कभी भी स्वंय को नीचे न जाने दें बल्कि आप उन्हें अपनी प्रेरणा स्वरूप उन लोगों को गलत साबित करने के लिए इस्तेमाल करें।
13) अपने काम को स्वयं बोलने दें
यह पंक्ति स्वंय स्पष्ट है। अपने लक्ष्य की प्राप्ति में इतना व्यस्त रहें कि आपने जिन कठिनाइयों का सामना किया, बलिदान दिया और वो पल जब आपने परम लक्ष्य के लिए समझौते किए, तमाम चीजें आपकी उपलब्धियों के तौर पर देखा जाएगा।
ये परामर्श उन विशिष्ट शख्सियतों की है जिन्होंने कठोर परिश्रम, दूरदर्शिता और कभी हार न मानने वाले ज़ज्बे से सफलता के शीर्ष पायदान तक पहुँचे। यदि आप भी अपने जीवन में इसका अनुसरण करते हैं तो यकीन मानिए आने वाली कई पीढ़ियों के लिए आपको आदर्श बनने से कोई नहीं रोक सकता।