दिल्ली में नई एक्साइज पॉलिसी को लेकर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर पड़े सीबीआई के छापे के बाद से आम आदमी पार्टी और बीजेपी एक दूसरे पर लगातार आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं. मंगलवार को बीजेपी के दो सांसद प्रवेश वर्मा और सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिल्ली सरकार से कई सवालों के जवाब मांगें हैं. दिल्ली से सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा है कि दिल्ली एक मात्रा ऐसा राज्य है जहां शराब मंत्री वहीं है, जो शिक्षा मंत्री है. हम इनसे केमेस्ट्री का सवाल पूछते है तो ये हिस्ट्री का जवाब देते है.
प्रवेश वर्मा ने कहा कि दिल्ली सरकार की कमेटी शराब ज्यादा बिकने का प्रचार नहीं कर सकती, लेकिन एक पेटी के साथ एक फ्री बिक रही थी इसका प्रचार किया जा रहा था और बाहर से लोग आकर भी खरीद रहे थे. कर्नाटक में होल सेल में सरकार बेच रही है यहां भी यही होना चाहिए. जोन में नॉन परफोर्मिंग एरिया को भी बेच दिया. उन्होंने कहा कि 2019-20 में 10 हज़ार करोड़ की शराब बिकी और 2020-21 में 7 हज़ार करोड़ की शराब बिकी. पॉलिसी आने के बाद केवल 7 महीने में 10 हज़ार करोड़ की शराब बिकी जो करीब डेढ़ गुना ज्यादा बिकी.
प्रवेश वर्मा ने कहा कि 2019-20 मे 4000 करोड़ एक्साइज मिला. 2020-21 मे 3300 करोड़ एक्साइज मिला और 2022 मे 158 करोड़ एक्साइज मिला. यानी पिछले साल से 3000 करोड़ का नुकसान हुआ. उन्होंने कहा कि वह अपने कार्यकर्ताओं को बॉर्डर पर भेज कर सिम देकर गलत फोन करवाते हैं. ये खुलासा उनके ही कार्यकर्ता ने किया है और मैंने ट्वीट भी किया है.
दिल्ली में नई शराब नीति से बड़ा घोटाला हुआ है: सुधांशु त्रिवेदी
वहीं राज्यसभा से बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि आबकारी नीति में बड़ी गड़बड़ी की गई है. दिल्ली में नई शराब नीति से बड़ा घोटाला हुआ है. उत्पादक और वितरक एक सामान नहीं होना चाहिए. इससे मोनोपॉली नहीं हो सकती है. यह प्रत्यक्ष और परोक्ष तौर पर नहीं होना चाहिए. 25 अक्टूबर 2021 को आबकारी विभाग ने पूछा कि एक कंपनी को इस नियम का उल्लंघन करके भी 3 जोन का लाइसेंस मिलता है. इस तरह का एक और मामला आया है. यह बीजेपी का नहीं बल्कि आबकारी विभाग का है. आबकारी की बात करिए ईमानदारी और बिरादरी की बात नहीं कीजिए.
दिल्ली की आबकारी नीति और कट्टर ईमानदारी की कारगुजारी हम बताना चाहते हैं. नीतिगत बात कोई राजनीतिक बात नहीं है. मैं यही कहूंगा आबकारी पर जवाब दीजिए इधर-उधर मत भागिए जवाब दीजिए. आप इधर-उधर ईमानदारी बिरादरी की बात करोगे उसपर हम नहीं जाना चाहते है. हमें आबकारी पर जवाब चाहिए.