Inflation Related Anxiety: कोविड-19 की वजह से दुनियाभर के करोड़ों लोगों की नौकरियां चली गईं और उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा. इसके बाद तेजी से महंगाई बढ़ गई. लगातार बढ़ती महंगाई लोगों की मेंटल हेल्थ के लिए खतरनाक साबित हो रही है.
एक हालिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अमेरिका के 90 फीसदी लोग महंगाई की वजह से एंजाइटी का शिकार हो गए हैं. बढ़ती महंगाई और घटती इनकम मेंटल हेल्थ के लिए नुकसानदायक साबित हो रही है.
इनकम का मेंटल हेल्थ पर सीधा असर होता है. पैसों की किल्लत आपके तनाव की वजह बन जाती है. आज आपको इससे जुड़ी चौंकाने वाली बातें बताएंगे.
महंगाई बन रही एंजाइटी और तनाव का कारण
हेल्थलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, बड़ी तादाद में लोग महंगाई की वजह से तनाव और एंजाइटी से जूझ रहे हैं. इसका खुलासा अमेरिकन साइकाइट्रिक एसोसिएशन (APA) के सर्वेक्षण में हुआ है. चौंकाने वाली बात यह है कि अमेरिका में लोग कोविड-19 को लेकर जितना तनाव में हैं, उससे कहीं ज्यादा तनाव महंगाई की वजह से हो रहा है. यूएस में 90% लोग महंगाई से संबंधित एंजाइटी से जूझ रहे हैं. कोरोना की वजह से लोगों की इनकम काफी हद तक घट गई है, जो स्ट्रेस का कारण बन रही है.
इनकम का हेल्थ पर होता है सीधा असर
अब तक कई स्टडी में यह बात सामने आ चुकी है कि लोगों की इनकम का सीधा असर उनकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर पड़ता है. कई सामाजिक कारण भी इसके लिए जिम्मेदार होते हैं. लंबे समय तक स्ट्रेस और एंजाइटी होने से शारीरिक और मानसिक बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. जब लोग अपनी जिंदगी में महत्वपूर्ण चीजों पर कंट्रोल खोने का अनुभव करते हैं, तो यह मनोवैज्ञानिक संकट का कारण बनता है. इसके अलावा शारीरिक स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिलता है. आर्थिक तंगी निराशा का कारण बनती है
इनकम घटने से बढ़ती है टेंशन
जब लोगों की इनकम घटती है, तो उनके तनाव का लेवल बढ़ जाता है. धीरे-धीरे यह एंजाइटी और डिप्रेशन का कारण बन जाता है. हेल्थ और इनकम का सीधा कनेक्शन होता है, जो अधिकतर लोगों को बुरी तरह प्रभावित करता है. इसलिए कोशिश करनी चाहिए कि इस तरह के तनाव से बचा जा सके. अगर समस्या गंभीर होती जा रही है तो एक्सपर्ट से संपर्क करना चाहिए. लापरवाही महंगी पड़ सकती है.