वैसे तो परिवार को बड़ी ताकत माना जाता है लेकिन जब परिवार बढ़ता है तो लोग इसे बांट देते हैं. समय के साथ इसी तरह बंटते बंटते एक परिवार कई हजार टुकड़ों में बंट जाता है. हम सब इसी चक्र का हिस्सा हैं और अगर हम ढूंढने निकलें तो पाएंगे कि हमारे परिवार की जड़ें बहुत दूर तक फैली हुई हैं. इसी को फैमिली ट्री कहा जाता है.
ये किसी के लिए संभव नहीं कि वह अपने परिवार की शुरुआत तक पहुंचे और जान पाए कि इस समय उसके फॅमिली ट्री में कितने लोग मौजूद हैं. हमने ऐसा बहुत बार सुना है कि किसी परिवार 100 से 150 तक लोग हैं लेकिन ये लोग बस अपने फैमिली ट्री का एक छोटा सा हिस्सा होते हैं. पूरे परिवार का बही खाता निकालना इतना मुश्किल है कि इसमें वैज्ञानिकों के भी पसीने छूट जाते हैं.
बहुत ही मेहनत के बाद अब जा कर यूके के एक साइंटिस्ट ने दुनिया के सबसे बड़े परिवार को ढूंढ निकाला है. इस साइंटिस्ट का दावा है कि जिस परिवार की जड़ों तक वह पहुंचे हैं वो अब तक का सबसे बड़ा फैमिली ट्री है. इस परिवार में 27 मिलियन यानी 2 करोड़ 70 लाख लोग मौजूद हैं. हालांकि ये सभी एक परिवार के होने के बावजूद भी एक दूसरे से परिचित नहीं होंगे लेकिन फिर भी ये आपस में रिश्तेदार हैं.
इस फैमिली ट्री की जड़ें आज से 10 हजार साल पुरानी हैं. दावा है कि ये अब तक का सबसे पुराना और सबसे बड़ा फैमिली ट्री है. बताया जा रहा है कि इंसानों की उत्पत्ति को समझने के लिए यह फैमिली ट्री काफी मददगार साबित होगा. इसके साथ ही इस विशाल फैमिली ट्री की मदद से मेडिकल रहस्य भी सुलझाने की कोशिश की जाएगी. इसके प्रिंसिपल ऑथर डॉ यान वोंग के अनुसार ये जम्बो फैमिली ट्री जेनेटिक वेरिएशन जैसे कई मामलों को समझने मददगार साबित होगी.
परिवार में हैं 27 मिलियन लोग
ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ इस रिसर्च को पूरा करने वाले डॉ यान ने फैमिली ट्री में एक के बाद एक दूर से दूर के रिश्तेदारों को जोड़ा है.कई सालों से इकट्ठा किये गए डीएनए जोड़ कर इस फैमिली ट्री को बनाया गया है. इसे बनाने के बाद पाया गया कि बहुत से लोग किसी ना किसी तरह एक दूसरे से खून के रिश्ते में जुड़े हुए हैं. करोड़ों लोगों के सैंपल की जांच करने के बाद ये बात सामने आई कि इस फैमिली ट्री में 27 मिलियन लोग हैं.
जर्नल साइंस में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक बिना डीएनए जांच के इतना बड़ा फैमिली ट्री खोज पाना संभव नहीं था. इस तकनीक के बाद अब जो रिजल्ट सामने आ रहे हैं वो सटीक हैं. टीम ने इस तकनीक में लोगों के पूर्वजों का पता लगाने के लिए आठ डेटाबेस में 3609 इंसानों के जींस को स्टडी कर कम्प्यूटर एल्गोरिदम के जरिये प्रिडिक्ट किया था. इस तरह आखिरकार ऑक्सफ़ोर्ड के साइंटिस्ट ने 27 मिलियन लोगों के परिवार का एक नेटवर्क बना डाला.