साल 2018 में यूपीएससी की परीक्षा में रितिका जिंदल ने 88 वां रैंक हासिल किया और वह देश की सबसे यंगेस्ट आईएएस बनने का खिताब हासिल किया | आप को बता दें कि रितिका अपनी मेहनत और लगन के दम पर महज 22 वर्ष में आईएस बनी है | रितिका ने अपनी ट्रेनिंग मंसूरी में पूरी की और उसके बाद अब जिला सोलन में प्रशासनिक अधिकारियों से वह प्रशासनिक निर्णय लेने के गुण उपायुक्त सोलन के सी चमन से सीख रही है | रितिका ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि वह सोलन में जिला में आ कर बेहद खुश है क्योंकि यहाँ के प्रशासनिक अधिकारियों से उन्हने बहुत कुछ सीखने का मौका मिल रहा है |
इस मौके पर रितिका जिंदल ने बताया कि वह सोलन में प्रशासनिक अधिकारियों से बहुत कुछ सीख रही है | उन्होंने बताया कि उन्हें संस्थागत कवारंटीन केंद्रों के नोडल अधिकारी की जिम्मेवारी सौंपी गई है | जिसे वह चिक्तिस्कों ,पुलिस और फ्रंटलाईन कर्मचारियों के सहयोग से सफलता पूर्वक निभा रही है | उन्होंने कहा कि सोलन में बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों को नियंत्रण करना बहुत मुशिकल काम है लेकिन प्रशासनिक अधिकारी बहुत ही बेहतर ढंग से कोरोना संक्रमण को नियंत्रण करने के लिए बहुत प्रभावी ढंग से काम कर रहे है | उन्होंने कहा कि वह भविष्य में महिला उत्थान और शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के साथ साथ , युवाओं की कार्यकुशलता को बढ़ा कर रोज़गार के अवसर सृजित करना चाहती हैं | उन्होंने यह भी कहा कि अभी वह सीख रही है इस लिए गलती की अभी गुंजाइश है लेकिन स्वतंत्र प्रभार में आने से पहले वह गलती की संभावनाओं को पूर्ण रूस से खत्म करना चाहती है क्योंकि उनकी छोटी से गलती समाज पर अपना दुष्प्रभाव डाल सकती है | इस लिए वह प्रशासनिक अधिकारीयों के साथ साथ वह विभिन्न विभागों में जा कर छोटे बड़े सभी कमर्चारियों से भी बहुत कुछ सीख रही हैं |