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नई शिक्षा नीति  में प्रारम्भ से होनी चाहिए अंग्रेजी की शिक्षा | 

भारत में नई शिक्षा नीति आने के बाद उसका मिला जुला असर सोलन में देखने को मिला | कुछ शहर वासी  बेहद खुश नज़र  आ रहे है तो कुछ नई शिक्षा निति  की खामियों को भी उजागर कर रहे है | शहर वासियों ने इस बारे में अपनी अपनी राय जाहिर की ,और बताया कि केंद्र सरकार ने  अग्रेजो के समय से चली आ रही ,शिक्षा निति को बदल कर बेहद अच्छा और सराहनीय कार्य किया है|  इस शिक्षा निति का आने वाली नई पीड़ी को बेहद, फायदा मिलेगा, तो कुछ ने कहा कि, नई शिक्षा निति को कोरोना संकट के दौरान जानबूझ कर लाया गया है | ताकि शिक्षा विद इस पर टिप्पणी कर विरोध दर्ज न करवा पाएं | 


 सोलन शहर वासियों ने अपनी राय रखते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुसार प्रारम्भिक शिक्षा हिंदी में होगी | यह निर्णय तर्क संगत नहीं है क्योंकि पांचवी के बाद जब वह अपनी शिक्षा आरम्भ करेगा तो उसे अंग्रेजी समझने के लिए बेहद दिक्क्तों का सामना करना पड़ेगा | इस लिए वह चाहते है कि अंग्रेजी पहली कक्षा से ही लगनी चाहिए | उन्होंने कहा कि नई  शिक्षा निति अचानक ही केंद्र सरकार ने जारी कर सभी को हैरान कर दिया है | इस में कितने शिक्षा विदों की राय ली गई इसे कैसे तैयार किया गया इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई | उन्होंने कहा कि जानकारी यह मिल रही है कि इस बारे में पंचायत प्रधानों की भी राय ली गई है लेकिन प्रधान कितने शिक्षित है यह सब जानते है | इस लिए शिक्षा निति पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है | उन्होंने कहा कि कुछ कदम सराहनीय भी है जिसमे विद्यार्थियों को अपने विषय खुद चुनने का अधिकार मिलेगा जिसकी वजह से उनका रुचि के अनुसार उनका सर्वांगीण विकास हो पाएगा |