निगुलसरी में एक बार फिर भू-स्खलन का खतरा

अर्ली वार्निंग सिस्टम से लगातार मिल रहे संकेत, हूटर बजने पर ट्रैफिक बंदजिला के निगुलसरी में एक बार फिर भू-स्खलन के संकेत मिले है। यह दूसरी मर्तबा है कि आईआईटी मंडी द्वारा विकसित अर्ली वार्निंग सिस्टम से यह संकेत मिले हैं। मंगलवार सुबह से ही प्रशासन को भू-स्खलन होने की लगातार चेतावनी मिल रही थी और वहां पर तैनात पुलिस जवानों द्वारा भी परिस्थितियों को देख कर वाहनों को ब्लॉक प्वाइंट से छोड़ा जा रहा था।

सुबह नौ बजे के करीब लगातार चेतावनी लाइट एवं हूटर बजने लगा। इसके चलते प्रशासन द्वारा नौ बजे से एनएच 05 पर यातायात पूरी तरह रोक दिया गया। तहसीलदार भावानगर चंद्रमोहन ठाकुर व थाना प्रभारी भावानगर जगदीश ठाकुर हालत का जायजा लेने के लिए मौके पर मौजूद थे। करीब 11:30 बजे के बाद एनएच 05 पर पुलिस की निगरानी में यातायात को बहाल कर दिया।

तहसीलदार भावानगर चंद्रमोहन ठाकुर ने पुष्टि करते हुए लोगों से अपील की है कि बरसात के मौसम को देखते हुए अनावश्यक यात्रा करने से बचें व पुलिस एवं प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें। वहीं, एसडीएम निचार विमला कश्यप ने कहा कि आईआईटी मंडी द्वारा भी खतरे की चेतावनी जारी कर दिया गया है।

कुछ दिन पूर्व भी इसी स्थान पर स्थापित अर्ली वार्निग सिस्टम व लैंड मोनिटरिंग प्रणाली के संकेत मिलने पर प्रशासन ने निगुलसरी एनएच पर रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक वाहनों की आवाजाही बंद की गई है। बता दे कि गत वर्ष इसी स्थान पर भयंकर भूस्खलन की भयंकर घटना घटी थी। उस समय हिमाचल परिवहन निगम की एक बस सहित, एक टिप्पर, दो गाडिय़ां चपेट में आ गई थी।

इस में कुल 28 लोगों की जान गई थी। भविष्य में इस स्थान पर भूस्खलन की घटना होती है तो उसे पूर्व में जानने के लिए प्रशासन द्वारा भूस्खलन स्थान पर लैंड मॉनिटरिंग प्रणाली स्थापित कर दिया गया था, जिसमें लैंडस्लाइड से पहले संकेत मिल जाता है। मंगलवार को फिर से चेतावनी देना शुरू कर दिया है जिस पर प्रशासन भी अलर्ट हो गया है।