यूपी की राजधानी लखनऊ के एक युवा काजी दाऊद ने ईमानदारी की मिसाल पेश की है. उन्होंने लावारिस पड़ा लाखों की कीमत वाला गोल्ड ब्रेसलेट लौटा दिया. इस ब्रेसलेट की कीमत 1 लाख 48 हजार से ज्यादा थी.
काम्प्लेक्स में पड़ा मिला ब्रेसलेट
इंडिया टाइम्स हिंदी के साथ बातचीत में काजी दाऊद ने बताया वह यूपी के बस्ती डिवीजन के जिला सिद्धार्थनगर के निवासी हैं. वह एक सिविल इंजीनियर हैं. वो लखनऊ में जॉब करते हैं. 11 अगस्त को दिन में किसी ज़रूरी काम से काज़ी दाऊद अरावली मार्ग तिराहा, इंदिरा नगर स्थित लेखराज काम्पलेक्स गए थे.
वहां उन्हें तक़रीबन दो बजे ज़मीन पर गोल्ड ब्रेसलेट मिला. काज़ी दाऊद ने आस-पास के लोगों से मालिक का पता किया. लेकिन, किसी को उसकी जानकारी नहीं थी. जब उसे ब्रेसलेट के मालिक का पता नहीं लगा, तो काज़ी दाऊद ने काम्प्लेक्स के कुछ दुकानदारों को ब्रेसलेट मिलने की बात बताई. उन्होंने अपना मोबाइल नंबर उन्हें दे दिया, ताकि कोई जानकारी मिलने पर उनसे संपर्क किया जा सके.
फिर ऐसे लौटाया ब्रेसलेट
उसके तीन दिन बाद 14 अगस्त की शाम पांच बजे काज़ी दाऊद के पास एक फोन आया. फोन करने वाले ने अपना नाम विनोद यादव, निवासी गायत्री पूरम, कुर्सी रोड बताया. विनोद यादव ने कहा कि जो ब्रेसलेट उन्हें मिला है, वो उनका है. काज़ी दाऊद ने ब्रेसलेट की तस्दीक के लिए उनसे कुछ प्रूफ मांगे.
ऐसे में ब्रेसलेट के मालिक विनोद यादव ने ब्रेसलेट की रसीद, और कुछ फोटो भेजी और बताया कि ये ब्रेसलेट उनकी पत्नी ने उन्हें गिफ्ट में दिया था. प्रूफ मिलने के बाद काज़ी दाऊद ने विनोद को 15 अगस्त की दोपहर मिलने को बुलाया. जब पूरा देश आजादी के जश्न में डूबा हुआ था. उधर काजी दाऊद एक जिम्मेदार नागरिक होने और ईमानदारी की मिसाल पेश करने जा रहे थे.
काजी दाऊद ने इंडिया टाइम्स हिंदी के साथ बातचीत में बताया, “हमारे मजहब में ये बात साफ लिखी है कि किसी का भी सामान उस तक पहुंचा दो. किसी की अमानत में खयानत नहीं करनी चाहिए.” उन्होंने कहा “जब दिल में ईमान हो और अल्लाह का खौफ हो तो गोल्ड भी मिट्टी लगता है”.
जब उनसे पूछा गया कि अगर ब्रेसलेट के मालिक का पता ना चलता तो आप उसका क्या करते. ऐसे में काज़ी दाऊद कहते है कि हम एक साल तक उसके मालिक का इंतज़ार करते. इसके बाद इससे गरीबों और ज़रूरतंद लोगों की मदद कर देते.
वहीं ब्रेसलेट मिलने के बाद विनोद यादव और उनका परिवार खुशी से भावुक हो गया. उन्होंने काज़ी दाऊद की ईमानदारी और उनके साथियों के व्यवहार पर उनका धन्यवाद किया. विनोद ने कहा कि आज के दौर में ऐसे ईमानदार लोग बहुत ही कम मिलते हैं.