अगस्त 2022 का दूसरा हफ़्ता… नॉर्वे (Oslo, Fjord, Norway) में स्कूली बच्चे गर्मी की छुट्टियों के आख़िरी हफ़्ते का आनंद ले रहे थे. दरिया किनारे बच्चे पिकनिक मना रहे थे. कुछ लोग स्विमिंग कर रहे थे, मस्ती का माहौल था. इन सभी नॉर्वे के बाशिंदों से मिलने एक वॉलरस (Walrus) पहुंची, नाम था फ़्रेया (Freya) और वज़न 1300 पाउंड (लगभग 590 किलोग्राम). बच्चे और बड़े सभी उसे देखकर बहुत खुश हुए, सेल्फ़ी लेने लगे, टिकटॉक बनाने लगे. और इसी वजह से अधिकारियों ने फ़्रेया की जान ले ली.
अधिकारियों ने फ़्रेया की जान ले ली
नॉर्वे में अब स्कूल खुल चुके हैं. बच्चे अब दरिया किनारे नहीं स्कूलों में अपने पाठ याद कर रहे हैं और बेजु़बान फ़्रेया मर चुकी है. The New York Times की रिपोर्ट के अनुसार 14 अगस्त, रविवार की सुबह फ़्रेया को मार दिया गया. इंटरनेट की वजह से एक सेलेब्रिटी बन गई बेज़ुबान फ़्रेया बेमौत मारी गई.
Vice की रिपोर्ट के अनुसार, एक सीनियर फ़िशरीज़ अधिकारी ने फ़्रेया को मारने का हुक्म दिया. नॉर्वेयन डायरेक्टरेट ऑफ फ़िशरीज़ (Norwegian Directorate of Fisheries) के डायरेक्टर जनरल Frank Bakke-Jensen ने फ़्रेया को मौत की नींद सुलाने का फ़रमान जारी किया.एक बयान जारी करते हुए Frank ने हा कि उनका निर्णय बिल्कुल ठीक था, वे पशु कल्याण में विश्वास रखते हैं लेकिन इंसानों की जान सर्वोपरि है.
नॉर्वे ने क्यों ली फ़्रेया की जान?
नॉर्वे के प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि फ़्रेया से लोगों को जान का खतरा था. वे फ़्रेया को वहां से हटा भी नहीं सकते थे और लोगों की जान बचाने के लिए उन्होंने फ़्रेया की जान ले ली. अधिकारियों ने पहले लोगों को चेतावनी दी और उसके पास न जाने को कहा. जब लोग नहीं माने तो उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो फ़्रेया को मारना पड़ेगा. इस घोषणा के तीन दिन बाद ही फ़्रेया को मार दिया गया.
अधिकारियों ने कहा कि फ़्रेया को हटाने के लिए पहले उसे बेहोश करना पड़ता. फिर उसे जाल में फंसाना पड़ता. इसके बाद ये सुनिश्चित करना पड़ता की वो समंदर में न डूबे और ये सब ध्यान में रखकर उसे बाहर निकालना पड़ता.
प्रधानमंत्री ने भी निर्णय को सही ठहराया
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जून में फ़्रेया नॉर्वे पहुंची और सबकी चहेती बन गई थी. फ़ेसबुक पर उसके नाम से ग्रुप्स बनाए गए, लोगों ने कई आर्टिकल्स लिखे. नॉर्वे के प्रधानमंत्री Jonas Gahr Store ने फ़्रेया की हत्या के निर्णय को सही बताया. फ़्रेया के शरीर का क्या होगा इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली.
फ़्रेया नॉर्वे से पहले ब्रिटेन, नीदरलैंड्स, डेनमार्क समेत यूरोप के कई देशों के तटवर्ती इलाकों में पहुंची थी. बीते 2 साल से वो इस इलाके में घूम-फिर रही थी. फ़्रेया नॉर्वे के एक पॉश समुद्री तट पर पहुंची और अपनी जान गंवा दी. जिस जगह फ़्रेया रह रही थी वहां 2 मिलियन से ज़्यादा की आबादी है. गौरतलब है कि फ़्रेया ने किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाया.
वालरस अकेले नहीं घूमते, फ़्रेया क्यों अकेले रह रही थी?
वाइल्डलाइफ़ एक्सपर्ट्स के अनुसार, वालरस सोशल एनिमल होते हैं यानि वो झुंड में या ग्रुप में रहना पसंद करते हैं. फ़्रेया अलग थी. हो सकता है उसे इंसानों के बीच रहना पसंद हो और इसलिए वो बीते 2 साल से अपने नैचुरल हैबिटाट को छोड़ इंसानों के आस-पास ही घूम रही थी.
फ़्रेया की इस निर्मम हत्या से आम जनता, वाइल्डलाइफ़ एक्सपर्ट्स नाराज़ हैं. उसकी मौत का आदेश देने वालों को जान से मारने की धमकियां भी मिल रही हैं. फ़्रेया इंसानों से दोस्ती करने की कोशिश में मारी गई.