चंडीगढ़. गाय-भैंसों में आई लंपी स्किन डिजीज (Lumpy Skin Disease) के बाद अब सूअरों में भी बीमारी फैल रही है. पंजाब राज्य के पटियाला शहर के सूअरों के सैंपल में अफ्रीकन स्वाइन फीवर मिलने से चिंता पैदा हो गई है. इस बीमारी की पुष्टि के बाद राज्य सरकार ने भी सतर्कता बरतते हुए जानवरों में छूत की बीमारियों की रोकथाम और कंट्रोल एक्ट, 2009 के अध्याय-3 की धारा-6 के अधीन पूरे पंजाब को कंट्रोल्ड क्षेत्र (Controlled Area) घोषित कर दिया है.
पंजाब के पशु पालन, मछली पालन और डेयरी विकास मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने बताया कि आईसीएआर- राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भोपाल द्वारा जिला पटियाला से भेजे गए सूअरों (Swine) के सैंपलें में अफ्रीकन स्वाइन फीवर (एएसएफ) की पुष्टि हुई है. पंजाब सरकार का कहना है कि इस सूचीबद्ध बीमारी अफ्रीकन स्वाइन फीवर की रोकथाम, नियंत्रण और खात्मे के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इसे लेकर पशु पालन विभाग द्वारा नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है, जो तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है.
कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने बताया कि इसी एक्ट के अध्याय-3 की धारा 20 के अधीन जिला पटियाला के गांव बिलासपुर और सनौरी अड्डा पटियाला के क्षेत्रों को इस बीमारी के केंद्र के तौर पर नोटिफाई किया गया है. पशु पालन मंत्री ने बताया कि भारत सरकार के मछली पालन, पशु पालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा अफ्रीकन स्वाईन फ़ीवर के कंट्रोल और ख़ात्मे के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना (जून 2020) के अध्याय 7 और 8 की पालना करते हुए इन क्षेत्रों को प्रभावित जोन (बीमारी के केंद्र के आसपास 0-1 किलोमीटर क्षेत्र) और निगरानी जोन (बीमारी के केंद्र के आसपास 1-10 किलोमीटर क्षेत्र) घोषित किया गया है.
मंत्री ने नोटिफिकेशन का हवाला देते हुये कहा कि कोई भी जिन्दा या मृत सूअर (जंगली सूअरों समेत), नॉन-प्रोसैसड सूअर का मीट, सूअर पालन फार्म या बैकयार्ड सूअर पालन से कोई भी फीड या सामग्री या सामान प्रभावित जोन से बाहर ना ले जाया जायेगा, ना ही जोन में लाया जायेगा. उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति सूचीबद्ध बीमारी के साथ संक्रमित किसी भी सूअर या सूअर उत्पाद को मार्केट में नहीं लायेगा और ना ही लाने की कोशिश करेगा. उन्होंने कहा कि किसी भी सूअर या इससे सम्बन्धित सामान की अंतर-राज्यीय यातायात पर सख्ती से पाबंदी लगाई गई है.