भारत की सबसे कठिन परिक्षाओं में से एक है UPSC (Union Public Service Commission) की परीक्षा. कई साल मेहनत करने के बाद भी सफ़लता हाथ लगने की गारंटी नहीं. ऐसा माना जाता है कि जो बचपन से पढ़ने में तेज़ हो, जिसकी बुद्धी तीव्र हो वो ही अफ़सर बन सकता है या यूं कहे कि UPSC की परीक्षा पास करता है. कई मायनों में ये कथन सत्य भी है लेकिन ऐसा ज़रूरी नहीं कि सिर्फ़ टॉपर्स ही IAS बनते हैं. स्कूल या कॉलेज में असफ़ल होने के बावजूद कोई छात्र IAS अफ़सर बन सकता है. और ऐसे ही एक अफ़सर हैं, IAS अनुराग कुमार (IAS Anurag Kumar Success Story)
हिन्दी मीडियम स्कूल से हुई थी शुरुआती पढ़ाई
बिहार के ज़िला कटिहार के IAS अनुराग कुमार ने 8वीं तक की पढ़ाई हिन्दी मीडियम स्कूल से हुई. News18 के एक लेख के अनुसार, इसके बाद अनुराग का दाखिला अंग्रेज़ी मीडियम स्कूल में हुआ. हिन्दी के छात्र के लिए अचानक से अंग्रेज़ी मीडियम की पढ़ाई आसान नहीं होती, इसके बावजूद उन्होंने 10वीं में 90 प्रतिशत अंक हासिल किए. किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था. ABP Live के लेख के अनुसार, अनुराग 12वीं की प्री बोर्ड परीक्षा में गणित में फ़ेल हो गए. हालांकि 12वीं की बोर्ड परीक्षा में वे पास हुए.
ग्रैजुएशन में पास नहीं हुए
स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद अनुराग ने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स में दाखिला लिया. ग्रैजुएशन की पढ़ाई के दौरान वे कई पेपर्स में असफ़ल हुए. उन्होंने हार नहीं मानी और ग्रैजुएशन और पोस्ट-ग्रैजुएशन की पढ़ाई पूरी की.
पोस्ट-ग्रैजुएशन के दौरान लिया UPSC परीक्षा देने का फैसला
पोस्ट-ग्रैजुएशन की पढ़ाई के दौरान ही अनुराग कुमार ने UPSC परीक्षा की तैयारी करने का फैसला किया. स्कूल में फ़ेल होने वाले छात्र ने पहले ही प्रयास में UPSC क्लियर कर लिया. अपनी रैंक से खुश नहीं थे और उन्होंने दोबारा परीक्षा देने का निर्णय लिया. 2018 UPSC में अनुराग ने ऑल इंडिया 48वां रैंक हासिल किया.
असफ़लता से निराश होने वाले छात्र IAS अनुराग कुमार से प्रेरणा ले सकते हैं.