भोपाल. राइजिंग मध्य प्रदेश के मंच पर आज आश्रम फेम पम्मी पहलवान और शी फेम भूमिका यानि अदिति पोहनकर भी आयीं. एथलीट से एक्टर बनने तक का सफर तय करने वाली अदिति बेहद संजीदा और बेबाक अंदाज में हर सवाल का जवाब दिया. उन्होंने कहा एथलीट और एक्टर में कोई फर्क नहीं है. दोनों हर बार नया काम करते हैं. हमारे कोच कहते थे नया काम शुरू करो. ठीक यही बात एक्टिंग में भी है. दोनों ही काम हाई स्प्रिट लोग करते हैं. मुझे पम्मी के रोल में और शी में भूमिका के रोल में जनता का जो प्यार मिला उसकी कल्पना नहीं थी. पम्मी जिस तरह से लोगों के दिलों में छायी हुई हैं वो अमेजिंग है.मैं ने पम्मी के बारे में जो सीखा वो एथलीट होने के कारण ही सीखा. इसमें मैंने रैसलर्स की पर्सनल लाइफ से भी सीखा. उनके हॉस्टल में जाकर रही. उन लोगों ने वहां बेस्ट चीज खाने के लिए दी. बादाम का दूध भी दिया.
ऐसे पूरा हुआ सपना
अदिति ने बताया कि उन्होंने ये मंजिल कैसे हासिल की. अदिति कहती हैं मेरी मां गणित की टीचर थीं. उनका सपना था कि मेरा नाम वो मेरिट लिस्ट और बोर्ड पर देखें. लेकिन दुर्भाग्य था कि उनका सपना पूरा होने से पहले ही वो चल बसीं. उसके बाद मुझे अपने आप को एक्सप्रेस करने का मौका चाहिए था. मैं पृथ्वी थियेटर चली गयी. मेरे घर में थियेटर का माहौल भी था. मेरी जिंदगी में ये जो मोड़ आया वो थियेटर से ही आया. एथलीट के नेचर ने भी मदद की. शी और पम्मी में मेरा किरदार लोगों के दिलों पर छाया. मेरा होर्डिंग हर मोड़ पर लगा. अब तक के इस सफर के लिए मैं प्रकाश झा और इम्तियाज अली की शुक्रगुजार हूं.
अदिति ने कहा – थोड़ा मुश्किल तो होता है. लेकिन फिर आप उसमें ढल जाएं तो मजा आता है. अपनी मां को याद करते हुए वो कहती हैं कि मेरी मां नहीं रहीं. मेरे पिता शी की शूटिंग के दौरान नहीं रहे. शी की शूटिंग में अस्थि विसर्जन के दौरान मैं रो रही थी. अगले दिन में अपने घर लौटी और फिर अगले दिन पिता की मौत हो गयी. मैंने शूटिंग रोकी नहीं. क्योंकि यही उनका सपना था कि काम रुकना नहीं चाहिए.
ओटीटी में ज्यादा मेहनत
अदिति कहती हैं कि ओटीटी ने प्लेटफॉर्म दिया. मेन स्ट्रीम में एंट्री में मदद की. मेरे लिए फिल्म और ओटीटी में ज्यादा फर्क नहीं. हालांकि ओटीटी में ज्यादा मेहनत है. ओटीटी कम समय में ज्यादा काम मांगता है. 7 एपिसोड में तीन फिल्मों के बराबर काम करना पड़ता है. आश्रम वेब सीरीज के बाद मैंने दो महीने का ब्रेक लिया. फिल्म के मुकाबले ज्यादा मेहनत यहां करना पड़ी थी.
राइजिंग मध्य प्रदेश के प्लेटफॉर्म पर अदिति ने लाइफ की कई बातें शेयर कीं. उन्होंने कहा पहले मुझे डर था, लेकिन मेरे डायरेक्टर ने संभाल लिया. स्कूल के दिनों को याद करते हुए कहा कि उस दौर में मैंने बहुत लोगों को पीटा है. एक बार स्कूल जाते वक्त मेरी फ्रेंड को किसी लड़के ने छेड़ दिया था. फ्रेंड घबरा गयी तो मैंने उस लड़के को पीट दिया.
रोमांटिक रोल की ख्वाहिश
अदिति ने कहा अब मेरा मन रोमांटिक फिल्में करने का है. मौसम भी अभी रोमांस का है. भूमिका और पम्मी पहलवान के रोल तो मैं कर चुकी. दोनों की एकदम अलग किरदार थे. लेकिन शुक्र है कि एक ही समय में दोनों सीरीज आयीं इसलिए दर्शकों ने मेरे दोनों रोल देखे. अब कोई रोमांटिक रोल मिले तो करना पसंद करूंगी. अदिति मरहूम अदाकार इरफान के अभिनय से हमेशा प्रभावित रहीं. रणबीर उनके फेवरेट एक्टर हैं और आलिया की एक्टिंग से प्रभावित हैं. उनकी पुरानी पसंदीदी अभिनेत्री तनूजा हैं. राइजिंग मध्य प्रदेश के मंच पर उन्होंने अपनी फेवरेट हीरोइन तनुजा की फिल्म अनुभव का एक गीत भी गुनगुनाया.
नेपोटिजम से इंकार
अदिति ने बॉलीवुड में नेपोटिजम जैसी बात से अनभिज्ञता जताई. उन्होंने कहा-संघर्ष तो जिंदगी का हिस्सा है. लेकिन मैंने उसे स्ट्रगल के तौर पर नहीं देखा. नेपोटिजम क्या होता मुझे नहीं पता. इम्तियाज अली-प्रकाश झा-सबने मुझे काम का मौका दिया. जबकि सब कहते थे कि ये दोनों ही नये और बाहरी लोगों को नहीं लेते. मैं पावर ऑफ यूनिवर्स में भरोसा करती हूं.