पिता और दोस्तों ने पैसे देने से कर दिया था इनकार, जानिए कैसे शुरू हुआ राकेश झुनझुनवाला का सफर?

मुंबई. शेयर मार्केट के बिग बुल कहे जाने वाले राकेश झुनझनवाला कभी रिस्क लेने से घबराते नहीं थे. कई बार उन्हें अपनी इस रिस्क टेकिंग क्षमता का फायदा भी मिलता था. वे जिस शेयर को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करते मार्केट में उसके भाव ऊपर चले जाते थे. शानदार इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी की वजह से उन्हें भारत का वॉरेन बफे कहा जाता था.

राकेश झुनझुनवाला के लिए शेयर मार्केट में निवेश के सफर की शुरुआत बहुत आसान नहीं थी. वे एक सामान्य परिवार से आते थे. एक वक्त था, जब उन्होंने अपने पिता से शेयर मार्केट में निवेश के लिए पैसे मांगे तो उन्होंने इससे इनकार कर दिया.

पिता से मिली शेयर मार्केट की सीख
राकेश झुनझुनवाला अक्सर अपने पिता को उनके दोस्त के साथ शेयर बाजार की बातें करते हुए सुनते थे. उन दोनों की बातचीत सुनकर ही राकेश झुनझुनवाला की दिलचस्पी मार्केट में बढ़ी. राकेश झुनझुनवाला ने एक बार कहा था कि उनके पिता हमेशा उन्हें पेपर पढ़ने की सलाह देते थे ताकि यह पता चल सके कि बाजार में उतार चढ़ाव की वजह क्या है?

पिता और दोस्तों ने नहीं दिए थे निवेश के लिए पैसे
राकेश झुनझुनवाला की शेयर बाजार में दिलचस्पी देखकर उनके पिता ने उन्हें निवेश करने की इजाजत तो दी, लेकिन रुपये देने से इनकार कर दिया. इतना ही नहीं राकेश झुनझुनवाला को किसी दोस्त से पैसे लेने को भी मना कर दिया था, लेकिन राकेश झुनझुनवाला की खासियत थी कि वह किसी रिस्क लेने से डरते नहीं थे. उन्होंने अपने भाई  के क्लाइंट से पैसे लिए और वादा किया कि वो FD से ज्यादा रिटर्न देंगे. इस भरोसे पर उन्हें पैसे मिल गए.

5 हजार रुपये से शुरू किया निवेश
राकेश झुनझुनवाला को स्टॉक मार्केट में पहली जीत टाटा टी से मिली. साल 1986 में झुनझुनवाला ने 5 लाख का मुनाफा कमाया. टाटा टी के 5000 शेयर उन्होंने खरीदे. देखते ही देखते यह मात्र तीन महीने में 143 के स्तर पर पहुंच गया. उनका पैसा 3 गुना से ज्यादा बढ़ गया.