मेहनत, लगन और धैर्य हो तो इंसान कहीं भी पहुंच सकता है. शुरुआत कैसी भी हो, इंसान का हौसला तय करता है कि उसकी उड़ान कहां तक होगी. मुज़फ़्फ़रनगर, उत्तर प्रदेश (Muzaffarnagar, Uttar Pradesh) की एक लड़की ने एक बार फिर साबित किया कि सच्ची मेहनत रंग लाती है. मुस्कान अंसारी नामक इस छात्रा को बॉस्टन, अमेरिका (Boston, USA) के एक मशहूर कॉलेज ने 100% स्कॉलरशिप दी है.
राजमिस्त्री की बेटी भरेगी प्रतिभा की उड़ान
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मुज़फ़्फ़रनगर के पुरकाजी कस्बे के पीरपुरा मोहल्ले की 18 साल की मुस्कान अंसारी के पिता अयूब अंसारी राजमिस्त्री हैं. मुस्कान के पिता को उसकी सफ़लता पर फूले नहीं समा रहे हैं. The Times of India के लेख के अनुसार, मुस्कान के पिता ने एक तरफ़ कहा कि उन्हें अपनी बेटी पर ‘गर्व’ है वहीं दूसरी तरफ़ उनको इस बात की चिंता भी है. अयूब ने कहा कि इस परिवार को बहुत पैसा मिला है, ये सोच रखने वाले असामाजिक तत्व कहीं घर न पहुंच जाए, इस बात की उन्हें चिंता है.
10वीं में 97.6% अंक प्राप्त किए थे
मुस्कान ने बुलंदशहर के विद्या ज्ञान स्कूल से पढ़ाई की है. 2014 में उन्होंने प्रवेश परीक्षा पास कर के इस स्कूल में दाखिला लिया. गरीब घरों से आने वाले प्रतिभावान छात्रों को स्कूल में निशुल्क शिक्षा दी जाती है. ये स्कूल छात्रों को विदेश की यूनिवर्सिटीज़ में पढ़ने के लिए भी तैयार करता है. मुस्कान अभी 12वीं के परिक्षा परिणामों का इंतज़ार कर रही है.
ग्लोबल स्कॉलर मुस्कान
मुस्कान को बैबसन कॉलेज, मैसाच्युसेट्स (Babson College, Massachusetts) ने 100% स्कॉलरशिप दी है. इस कॉलेज वो एंटरप्रेन्योरशिप की पढ़ाई करेगी. वो कॉलेज के कई ग्लोबल स्कॉलर्स में से एक है. मुस्कान ने अपने माता-पिता, शिक्षकों को अपनी सफलता का श्रेय दिया. ये पहली बार नहीं है जब मुस्कान को विदेश जाने का अवसर मिलेगा, 2018 में एक एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत वो अमेरिका गई थी और वहां के नॉर्थवेस्ट हाई स्कूल में एक साल के लिए पढ़ाई की थी.
देश के लिए कुछ करना चाहती हैं
मुस्कान देश की उन्नति के लिए कुछ करना चाहती हैं. उन्होंने बताया कि वो पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की तरह ही देश के लिए कुछ करना चाहती हैं. कोविड के दौरान मुस्कान ने मेन्स्ट्रुअल हाइजीन जागरूकता फैलाने के लिए ‘कपड़ा क्रांति’ नामक अभियान भी चलाया था. उन्होंने अपने होमटाउन में कई घर पर ही रियूज़ेबल कॉटन पैड्स बनाने, धोने और सुखाने के वर्कशॉप्स चलाए थे.