माता-पिता अपने बच्चों की परवरिश के लिए हर हद पार करने को तैयार हो जाते हैं. मां खुद भूखे सो जाती है लेकिन अपने बच्चों को पेटभर खाना खिलाती है. पिता के जूते भले घिस गए हों लेकिन वो अपने बच्चे के लिए नए स्पोर्ट्स शूज़ ले आते हैं. असंख्य कष्ट झेलकर माता-पिता अपने बच्चों को बड़ा करते हैं. ज़िला राजगढ़, मध्य प्रदेश (Rajgarh, Madhya Pradesh) से एक दिल तोड़ देने वाला वीडियो सामने आया है.
बैलगाड़ी को हाथ से खिंचती मां
सोशल मीडिया पर एक महिला का वीडियो वायरल हो गया. महिला ने बैलगाड़ी पर सामान लादा था और उस पर अपने बच्ची को बैठाया था. ये बेबस मां बैलगाड़ी को सड़क पर खुद अपने हाथों से खींच रही थी. बीते मंगलवार को राजगढ़ की सड़क पर इस महिला को देखा गया.
बाइक सवारों ने की मदद
दो वक्त की रोटी के लिए विधवा मां बनी बैल, बच्चों को बैलगाड़ी में बिठाकर पैदल तय किया सफर #Rajgarh #MPNews #MadhyaPradesh https://t.co/2zW3oAhNSa pic.twitter.com/blAEZSwS6Z
— Amar Ujala (@AmarUjalaNews) September 21, 2022
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार, महिला राजगढ़ स्थित पचोर से 15 Km दूर आ चुकी थी. रास्ते में दो बाइक सवारों में महिला से उसकी इस हालत का कारण पूछा. महिला ने रोते हुए बताया कि वो 15 Km दूर से आ रही है और अभी 15 Km का सफ़र बाकी है. बाइक सवारों ने इंसानियत दिखाते हुए महिला की मदद की और बैलगाड़ी को बाइक से बांधकर सारंगपुर तक पहुंचाया.
पति गुज़र गए, रहने को घर तक नहीं
महिला का नाम लक्ष्मी बताया जा रहा है और वो सारंगपुर की रहने वाली है. लक्ष्मी ने बताया कि दो साल पहले उसके पति की मौक हो गई और आज उनकी माली हालत इतनी खराब है कि वो दो वक्त का खाना भी नहीं जुटा पा रहे. लक्ष्मी ने बताया कि उनके चार छोटे-छोटे बच्चे हैं और उनके पास रहने के लिए घर भी नहीं है. घर चलाने के लिए लक्ष्मी और उसके सभी बच्चे मेहनत-मजदूरी करते हैं.
लक्ष्मी का अस्थायी घर ऐसा है कि तेज़ बरसात में घर की छत उड़ जाती है और सर्दियों में ठंडी हवा के थपेड़े लगते हैं. लक्ष्मी ने बताया कि उन्हें विधवा पेंशन भी नहीं मिलती. पेट भरने के लिए वो बैलगाड़ी खींचने पर मजबूर हैं.
राजगढ़ के कलेक्टर ने वीडियो देखने के बाद महिला की मदद करने का आश्वसान दिया है.