पोषण माह के अन्तर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग सोलन द्वारा जिला के सभी विकास खण्डों में आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषण से सम्बन्धित गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। यह जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी सुरेन्द्र कुमार तेगटा ने आज यहां दी।
सुरेन्द्र कुमार तेगटा ने कहा कि सही पोषण वर्तमान समय की आवश्यकता है। क्योंकि एक सुपोषित बच्चा ही कल का नागरिक बनेगा जिससे स्वस्थ समाज की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है। हर बच्चे, किशोर-किशोरी, गर्भवती एवं धात्री महिला को निर्धारित पोषण प्रदान कर ही समाज को कुपोषण मुक्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिये पंचायत स्तर तक एक मजबूत साझेदारी की आवश्यकता है। इस दिशा में पंचायत प्रतिनिधि अपनी अहम भूमिका निभायें तथा कुपोषण को दूर करते हुए एक मजबूत देश की नींव रखें।
उन्होंने कहा कि जिला के सभी विकास खण्डों सोलन, नालागढ़, कण्डाघाट, कुनिहार तथा धर्मपुर में हाथ धोने के सही तरीके का विवरण, पौष्टिक खाद्य पदार्थों की जानकारी प्रदान की जा रही है।
उन्हांेने कहा कि कहा कि इन कार्यक्रमों में बच्चों एवं किशोरियों को दिए जाने वाले आहार के बारे में जानकारी प्रदान की जा रही है। लोगों को बताया जा रहा है कि सही पोषण न मिलने से शरीर में रक्त की कमी होती है और इस स्थिति में शरीर को गम्भीर रोग लगने का खतरा बढ़ जाता है।
उन्होंने कहा कि जिला के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं द्वारा गृह भ्रमण कर बच्चों के स्वास्थ्य से सम्बन्धित विभिन्न जानकारियां प्राप्त की जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि कण्डघाट विकास खण्ड के आंगनबाड़ी केन्द्र दोची, थरोला, मिहनी, मही, वाकनाघाट, कोट, दोलग, रिहाना, झाजा, लचोग में पोषण माह के अन्तर्गत विभिन्न प्रकार की गतिविधियां करवाई गई। बच्चों के अभिभावकों को स्वच्छता बारे जानकारी दी गई। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा गृह भ्रमण, स्तनपान का सही तरीका इस तरह की जानकारी दी गई।
नालागढ़ में आंगनबाड़ी स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। बच्चों, किशोरियों व महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने की जानकारी दी गई। किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को स्तन पान का सही तरीका बताया गया। इस दौरान बच्चों की ऊंचाई, किशोरियों और गर्भवती माताओं के वजन की जांच की गई।
कुनिहार विकास खण्ड के तहत अर्की के विभिन्न आंगनवाड़ी केंद्रों तनसेटा, लोहारा, सरोन, पाटी में एनीमिया और गंभीर कुपोषण को रोकने के लिए कुपोषण के प्रभाव से अवगत करवाया गया। लोगों को बताया गया कि एनीमिया का असर केवल शरीर पर ही नहीं बल्कि मानसिक असर भी होती है।
2020-09-19