प्रशासन जागा, अंदरौली में गोबिंद सागर झील किनारे जाने पर रोक, तैनात होगी पुलिस

ऊना जिला प्रशासन ने अंदरौली में गोबिंद सागर झील के किनारे जाने पर आगामी आदेश तक पाबंदी लगा दी है। साथ ही गोबिंद सागर झील किनारे चिन्हित जगहों पर पुलिस की तैनाती होगी। 

गोबिंद सागर झील हादसा।

हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में गोबिंद सागर झील में डूबने से सात युवकों की मौत के बाद प्रशासन जागा है। ऊना जिला प्रशासन ने अंदरौली में गोबिंद सागर झील के किनारे जाने पर आगामी आदेश तक पाबंदी लगा दी है। साथ ही गोबिंद सागर झील किनारे चिन्हित जगहों पर पुलिस की तैनाती होगी। झील किनारे पर चेतावनी बोर्ड, बैनर लगाए जाएंगे। डीसी राघव शर्मा ने यह आदेश जारी किए हैं। आदेशों के अनुसार अंदरौली में गोबिंद सागर झील में उतरने व किनारों पर जाने की पूरी तरह मनाही रहेगी। ये आदेश तुरंत प्रभाव से लागू माने जाएंगे। मानसून सीजन के दौरान भारी बारिश के कारण गोबिंद सागर झील का जलस्तर बढ़ा हुआ है। ऐस में  पर्यटकों व बाहरी लोगों का झील के नजदीक जाना व पानी में जाना खतरनाक हो सकता है। 

गौरतलब है कि सोमवार को सावन के महीने में मंदिरों में दर्शन करने के लिए पंजाब से आए सात युवकों की गोबिंद सागर झील में डूबने से मौत हो गई थी। ये सभी झील में नहाने के लिए उतरे थे और तैरना नहीं जानते थे। झील की गहराई का अंदाजा न होने के कारण अचानक एक युवक डूबने लगा तो अन्य ने चेन बनाकर बचाने की कोशिश की। लेकिन देखते ही देखते सभी झील में डूब गए।  गोताखोरों ने झील से सातों के शव निकाल लिए हैं।
ये सभी मोहाली जिला के बनूड़ के रहने वाले थे। हादसे में दो परिवारों ने अपने दो-दो बेटे खोए हैं जबकि चार आपस में चाचा-भतीजा लगते थे। यह हादसा सोमवार को दोपहर बाद करीब 3:45 बजे जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर बंगाणा उपमंडल के कोलका में हुआ। बताया जा रहा है कि चार बाइकों में सवार होकर 11 युवक यहां पहुंचे थे। ऊना के पीरनिगाह के बाद कोलका स्थित बाबा गरीबनाथ मंदिर में माथा टेकने के बाद सभी को बाबा बालक नाथ मंदिर और वहां से नयना देवी होते हुए वापस जाना था