कोलकाता. पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को शिक्षक भर्ती घोटाले में शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में शुक्रवार को दो मंत्रियों समेत करीब एक दर्जन लोगों के घरों पर एक साथ छापेमारी की थी और भारी मात्रा में नकदी जब्त की.
एजेंसी के एक अधिकारी ने कहा कि अधिकारियों ने यहां पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ मंत्री पार्थ चटर्जी के आवास पर छापा मारा और शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के संबंध में उनसे 11 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की. ईडी के अधिकारियों ने राज्य के उत्तरी हिस्से में कूचबिहार जिले में एक अन्य मंत्री परेश अधिकारी के घर का भी दौरा किया और उनके परिवार के सदस्यों से बात की. वह (मंत्री) इस समय कोलकाता में हैं.
इसके अलावा, उन्होंने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के पूर्व सलाहकार शांति प्रसाद सिन्हा, पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली और नौ अन्य लोगों के घरों पर एक साथ छापे मारे. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) उच्च न्यायालय के निर्देश पर पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग की सिफारिशों पर सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में समूह ‘सी’ और ‘डी’ के कर्मचारियों व शिक्षकों की भर्ती में हुई कथित अनियमितताओं की जांच कर रही है. वहीं, प्रवर्तन निदेशालय इस मामले से संबंधित कथित धनशोधन की तफ्तीश में जुटी है.
एजेंसी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया, ‘ईडी पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड में भर्ती घोटाले से जुड़े विभिन्न परिसरों में तलाशी अभियान चला रही है.’ एजेंसी ने एक कमरे के अंदर भारी मात्रा में नकदी के ढेर की चार तस्वीरें साझा कीं.’ बता दें कि वर्तमान में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पद पर काबिज पार्थ चटर्जी उस समय शिक्षा मंत्री थे, जब कथित घोटाला हुआ था. इससे पहले सीबीआई दो बार उनसे पूछताछ कर चुकी है. पहली पूछताछ 25 अप्रैल को, जबकि दूसरी बार 18 मई को हुई थी.’
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने छापेमारी की कार्रवाई को राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने की भाजपा नीत केंद्र सरकार की ‘चाल’ बताया है. पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री फिरहाद हाकिम ने कहा, ‘ईडी की यह छापेमारी शहीद दिवस रैली के एक दिन बाद हुई है, जिसने पूरे देश में हलचल मचा दी थी. यह टीएमसी के नेताओं को परेशान करने और डराने-धमकाने के प्रयास के अलावा और कुछ नहीं है. अदालत के निर्देश के तहत सीबीआई पहले ही उनसे (मंत्रियों से) पूछताछ कर चुकी है और वे सहयोग कर रहे हैं. अब उन्हें बदनाम करने के लिए ईडी का सहारा लिया जा रहा है.’ भाजपा ने धनशोधन का मामला गढ़ा है.’
दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोप लगाया कि टीएमसी ने सत्ता में आने के बाद से प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर हुई विसंगतियों का समर्थन किया है.