बंगाली सिंगर निर्मला मिश्रा का निधन, जानें उनके बारे में 5 जरूरी बातें

प्रसिद्ध बंगाली और उड़िया सिंगर, निर्मला मिश्रा (Nirmala Mishra) का रविवार को निधन हो गया. उन्होंने कोलकाता के चेतला इलाके में अपने आवास में आखिरी सांस ली. बताया जा रहा है कि,न दिल का दौरा पड़ने से गायिका का निधन हुआ है. वह 81 साल की थीं. कथित तौर पर मिश्रा कुछ समय से उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रही थीं और रविवार को उन्हें हार्ट अटैक आया और उनका निधन हो गया.बंगाली सिंगर निर्मला मिश्रा का 81 साल की उम्र में निधन.

निर्मला मिश्रा के बारे में 5 खास बातें
निर्मला मिश्रा का जन्म 1938 में बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में हुआ था बाद में वह अपने परिवार के साथ कोलकाता चली गईं. निर्मला मिश्रा को पहली बार निर्देशक बालकृष्ण दास ने 1960 में पहली बार गाने का मौका दिया था.

कई प्रसिद्ध म्यूजिक डायरेक्टर्स के साथ काम किया
निर्मला मिश्रा ने अक्षय मोहंती, रखल मोहंती और शांतनु मोहपात्रा जैसे कई प्रसिद्ध म्यूजिक डायरेक्टर्स के साथ काम किया था.

संगीत सुधाकर बालकृष्ण दास पुरस्कार मिला
निर्मला मिश्रा पहली ऐसी ओडिया सिंगर थीं, जिन्हें संगीत सुधाकर बालकृष्ण दास पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उन्हें ह पुरस्कार ओडिया संगीत में उनके जीवन भर के योगदान के लिए दिया गया था.

निर्मला मिश्रा के कुछ फेमस गाने
‘ईमोन एकता झिनुक’, ‘बोलो तो अर्शी’, ‘कागोजेर फूल बोले’, ‘ई बांग्लार मती चाय’ और ‘आमी तोमर’ जैसे कुछ बेहतरीन और फेमस बंगाली गाने हैं, जिन्हें निर्मला मिश्रा ने अपनी आवाज दी है.

1960 और 1970 के दौरान जमकर किया काम
उन्होंने 1960 और 1970 के दशक के दौरान 20 से अधिक उड़िया फिल्मों के गानों को अपनी आवाज दी.

डॉक्टर ने पीटीआई को बताया कि उन्हें सुबह करीब 12.05 बजे दिल का दौरा पड़ा और उन्हें नजदीकी नर्सिंग होम ले जाया गया, जहां गायिका को मृत घोषित कर दिया गया. उन्होंने यह भी कहा, “उनके शरीर को आज रात अस्पताल में रखा जाएगा.”