बीमारी सिर्फ शख्स को नहीं तोड़ने की कोशिश करती, बल्कि उसके परिवार वालों को भी परेशान करती है. ज्यादातार परिवार टूट जाते हैं तो कुछ परिवार लड़ते हैं. रास्ता खोजते हैं. मानसिक रूप से मज़बूत रहते हुए आगे बढ़ते हैं. इसका उदाहरण अनीता और रिज़ा रेजी हैं. इनकी कहानी से दुनियाभर के लोग प्रेरित हो रहे हैं.
दरअसल, बेंगलुरु की रहने वाली 23 साल की रिज़ा रेजी बचपन से ही डाउन सिंड्रोम से पीड़ित हैं. लेकिन अब उनका चयन ‘ग्लोबल डाउन सिंड्रोम फाउंडेशन’ द्वारा आयोजित ‘बी ब्यूटीफुल, बी योरसेल्फ’ वार्षिक फैशन शो के लिए हुआ है. यह फैशन शो 12 नवंबर को अमेरिका के कोलोराडो में आयोजित होने वाला है. ये फाउंडेशन पिछले 14 साल से यह फैशन शो आयोजित हो रहा है. इससे जमा हुई धनराशि का प्रयोग ‘मेंटल इलनेस’ से जुड़ी रिसर्च के लिए किया जाता है. रिज़ा रेजी इस मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली शख्स हैं.
न्यूज 18 ने रिज़ा और उनकी मां अनीता से बात की. अनीता ने बताया, “रिज़ा का बचपन पूर्वी अफ्रीकी देश तंजानिया में गुज़रा है. उन्होंने आपनी प्राथमिक शिक्षा वहीं से प्राप्त की है. वहां वह सामान्य स्कूल के साथ साथ ‘स्पेशल नीड्स’ स्कूल भी जाती थीं. पर बड़े होने के बाद ‘स्पेशल नीड्स’ शिक्षा के ज़्यादा अवसर ना होने के कारण उन्हें भारत वापस आना पड़ा. उसके बाद रिज़ा ने अपनी बाकी पढ़ाई बेंगलुरु में ही पूरी की. बेंगलुरु में रिज़ा का दाखिला वहां के ‘स्पेशल नीड्स’ स्कूल ‘ब्यूटीफुल माइंड अस्तित्व’ में कराया गया. ‘ब्यूटीफुल माइंड अस्तित्व’ एक क्लिनिक है, जहां मानसिक रूप से विकलांग लोगों को स्पेशल ट्रेनिंग और काउंसलिंग मुहैया कराई जाती है.”
थिएटर और डांस में ज़्यादा दिलचस्पी
वह कहती हैं, “रिज़ा को बचपन में ही देखकर समझ आ गया था कि उसकी पढ़ाई में ज़्यादा रुचि नहीं है. उसे हमेशा से ही थिएटर और डांस में ज़्यादा दिलचस्पी रही है. इसलिए हमने थिएटर और डांस में उसका दाखिला करा दिया और उसकी रुचि के मुताबिक उसे आगे बढ़ने दिया. आज डांस, रिज़ा का पैशन है. वह जितने उत्साह से डांस करती है, शायद ही उतने उत्साह से वह अन्य कोई कार्य नहीं करती है. अब डांस ही उसकी अभिव्यक्ति का माध्यम है.”
समाज की संवेदनशीलता की आवश्यकता
रिज़ा का आर्ट्स के प्रति ये झुकाव पारिवारिक है. उनके माता-पिता दोनों ही आर्ट संबंधित कार्यों से जुड़े हुए थे. हालांकि, अब दोनों बतौर शिक्षक काम करते हैं. रिज़ा की मां अनीता ने 2020 में अपनी खुद की ‘ब्यूटीफुल टुगेदर फाउंडेशन’ नामक संस्था खोली है. इस फाउंडेशन का मकसद ‘स्पेशल नीड्स’ वाले लोगों को रोज़गार और खुद की काबिलियत साबित करने का एक अवसर प्रदान करना है. वह कहती हैं कि इस मंच के माध्यम से वह विकलांग लोगों द्वारा बनाई गई चीजें बेचेंगी, जिससे उन लोगों को रोज़गार मिलेगा और साथ ही लोगों को भी यह समझने का अवसर मिलेगा कि यह लोग आम लोगों से ज़्यादा अलग नहीं हैं. बस इन्हें समाज की संवेदनशीलता की आवश्यकता है.
अनीता अक्सर रिज़ा के लिए इंटरनेट पर अवसर तलाशती रहती हैं. वह कहती हैं कि मुझे एक फैशन शो के बारे में मालूम हुआ और एक दिन उन्होंने देखा कि उन्हें ‘ग्लोबल डाउन सिंड्रोम फाउंडेशन’ की तरफ से ‘बी ब्यूटीफुल, बी योरसेल्फ’ वार्षिक फैशन शो के ऑडिशन के लिए मेल आया हुआ है. इस मेल को देखकर अनीता और रिज़ा की खुशी का ठिकाना नहीं था. इसके बाद दोनों ऑडिशन के लिए जी-जान से जुट गए. इस बार शो के लिए ऑडिशन वीडियो कॉल के माध्यम से लिया गया.
ऑडिशन के तीन पड़ाव
इस फैशन शो में सम्मिलित होने के लिए एक प्रतियोगी को ऑडिशन के तीन पड़ावों को पार करना होता है. पहला पड़ाव होता है कॉस्ट्यूम का. इसके लिए रिज़ा ने इंडो-वेस्टर्न पोशाक चुनी थी. इसके बाद दूसरा पड़ाव ‘रैम्प वॉक’ का होता है. वीडियो कॉल के दौरान ही रिज़ा को रैम्प वॉक करके दिखाना था. तीसरे और सबसे अहम पड़ाव में प्रतियोगी की शख़्सियत को परखा जाता है. इन तीनों पड़ाव को सफलतापूर्ण पूरा करने के बाद ही रिज़ा का चयन इस अंतरराष्ट्रीय मेगा फैशन शो के लिए हुआ.
अनीता बताती हैं, “इस ऑडिशन में रिज़ा ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था. परिणाम से पहले भी वह इस बात से काफ़ी ज़्यादा खुश थीं. लेकिन, परिणाम आते ही उनकी खुशियों में चार चांद लग गए.” न्यूज 18 से बात करते हुए वह कहती हैं, “मैं इस फैशन शो के लिए बहुत उत्साहित हूं. मुझे हमेशा से मंच पर परफॉर्म करना बहुत पसंद रहा है. इस बार तो इतने बड़े अंतरराष्ट्रीय मंच पर परफॉर्म करने का मौका मिला है.”
ज़ोर-शोर से है शो की तैयारी
रिज़ा फैशन शो की तैयारी में जुट गई हैं. अपने ट्रेनर्स की सहायता से वह अपनी शब्दावली और स्पीच पर काम कर रही हैं. इसके साथ ही वह अपने मूवमेंट और थिएटर ट्रेनर्स के साथ रैम्प वॉक का अभ्यास भी कर रही हैं. इस मेगा इवेंट के लिए रिज़ा अपने शहर के ही किसी लोकल डिजाइनर से अपनी कॉस्ट्यूम बनवाएंगी. यह कॉस्ट्यूम इवेंट आयोजकों द्वारा प्रायोजित है.
विकलांगता को नहीं बनने दिया रुकावट
अनीता कहती हैं, “रिज़ा ने कभी भी अपनी विकलांगता को पहचान नहीं बनने दिया, बल्कि हमेशा से ही वह खुद को खुलकर अभिव्यक्त करती है. उसे अपने दोस्तों के साथ वक़्त बिताना बहुत पसंद है. जब हम बेंगलुरु आए थे तो शुरू शुरू में ज़्यादा मित्र नहीं थे. लेकिन, रिज़ा ने अपने व्यवहार के चलते काफ़ी सारे लोगों से दोस्ती कर ली. उसे मिलनसार व्यवहार की वजह से लोगों से मिलने-जुलने में ज़्यादा समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ा. डाउन सिंड्रोम से पीड़ित अन्य लोगों के मुताबिक वह काफ़ी मुखर व्यवहार की है.”
सामाजिक अलगाव का ना करना पड़े सामना
हालांकि वह कहती हैं कि उनकी संस्था से जुड़े अन्य कई सारे डाउन सिंड्रोम पीड़ितों को सामाजिक अलगाव का सामना करना पड़ा है. एक डाउन सिंड्रोम पीड़ित की मां होने के नाते उनकी संस्था की और उनकी कोशिश है कि लोग मानसिक विकलांगता के प्रति जागरूक हों. इसके साथ ही वह यह प्रयास करती हैं कि लोग पीड़ितों के प्रति संवेदनशील हों और किसी भी डाउन सिंड्रोम या मानसिक विकलांग व्यक्ति से दूर ना भागें और उन्हें और उनके परिवार को समाज से अलग-थलग ना करें.
फैशन शो के बाद की योजना
रिज़ा की मां अभी से ही उनके लिए अन्य अवसरों की तलाश में हैं. उनका मानना है कि यह अवसर रिज़ा के लिए कई सारे नए अवसरों का द्वारा खोल देगा. अनीता के मुताबिक उनकी बेटी ने पूरे देश में उन्हें मशहूर कर दिया है और उन्हें अपनी बेटी पर बहुत गर्व है.