बचपन में मां को खोया, ताने सहकर खेली क्रिकेट, अब World Cup में रचा इतिहास

विमेन्स वर्ल्ड कप 2022 (Women’s World Cup 2022) शुरु हो चुका है. भारतीय टीम का वर्ल्ड कप का सफ़र एक शानदार जीत के साथ शुरु हुआ. भारत ने पाकिस्तान को 107 रनों से हराया. भारत के सिर जीत का सहरा सजाने का पूरा श्रेय जाता है, पूजा वस्त्राकर (Pooja Vastrakar) और स्नेहा राणा (Sneha Rana) को. भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया लेकिन उनकी शुरुआत खराब रही. मात्र 18 रनों के बीच भारतीय टीम के 6 बल्लेबाज आउट हो गए. स्नेह राणा और पूजा वस्त्राकर ने टीम को इस मुश्किल घड़ी में अच्छे से संभालते हुए 7वें विकेट के लिए 122 रनों की साझेदारी बनाई. पूजा वस्त्राकर को प्लेयर ऑफ़ द मैच चुना गया

झूलन गोस्वामी के साथ भारत की पेस अटैक का तगड़ा हिस्सा हैं ऑलराउंडर पूजा वस्त्राकर. ये पूजा वस्त्राकर का पहला विश्व कप है. पूजा का अब तक का क्रिकेट का सफ़र मुश्किलों भरा रहा. उन्होंने तमाम मुसीबतें झेली, झुकी नहीं और आज इतिहास का हिस्सा बन चुकी हैं.

पूजा वस्त्राकर का जन्म 25 सितंबर, 1999 को ज़िला शहडोल, मध्य प्रदेश में हुआ. दैनिक भास्कर के लेख की मानें तो पूरा परिवार पूजा को छोटी कहकर बुलाता है, पूजा छह भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं. भारतीय टीम में पूजा का निकनेम है, ‘बाबू भाई’.

4 साल की उम्र से खेल रही हैं क्रिकेट, ब्लू जर्सी के लिए की दिन-रात मेहनत

Pooja Vastrakar Twitter

पूजा वस्त्राकर आज भारतीय महिला क्रिकेट टीम का अहम हिस्सा हैं लेकिन ये सफ़लता उन्हें रातों-रात नहीं मिली. पूजा ने Female Cricket को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि वे सिर्फ़ 4 साल की उम्र से क्रिकेट खेल रही हैं. जिस मोहल्ले में वे पली-बढ़ी वहां क्रिकेट के दीवाने भरे पड़े थे. बचपन से ही उन्हें बल्लेबाज़ी आकर्षित करती थी. मोहल्ले के बच्चे उन्हें खेलने नहीं देते थे और सिर्फ़ फ़िल्डिंग करवाते थे.

10 साल की उम्र में मां को खोया

Pooja Vastrakar

पूजा ने सिर्फ़ 10 साल की उम्र में ही मां को खो दिया. उन्होंने अकेडमी में ट्रेनिंग शुरु ही की थी परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. उनकी एक बड़ी बहन प्रोफ़ेशनल धावक थीं और 100 मीटर नेशनल्स में हिस्सा ले चुकी थीं, उन्होंने भी अपना एथलेटिक्स का सपना छोड़ दिया और पढ़ाई पर ध्यान देना शुरु किया. पूजा को उनकी बड़ी बहन ने ही पाल-पोसकर बड़ा किया. मोहल्ले में क्रिकेट खेलने वाली पूजा को ताने भी सुनने पड़े. उनसे खेलना छोड़कर पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए कहा जाता लेकिन उनके सिर पर क्रिकेट का जुनून सवार था.

13 साल की उम्र में मध्य प्रदेश स्टेट क्रिकेट टीम में सेलेक्शन

Pooja Vastrakar

बचपन में पूजा और उनके मोहल्ले के दोस्त 2-2 रुपये जमा करके टेनिस बॉल खरीदकर खेलते थे. मोहल्ले में खेलने पर घरों के शिशे भी टूट जाते थे और डांट पड़ती थी. उनके दोस्तों में से किसी ने स्टेडियम जाकर क्रिकेट खेलने का आइडिया दिया. एक दिन पूजा अपने दोस्तों के साथ स्टेडियम पहुंच गई, वहां उन्होंने नेट्स पर कई लड़कों को क्रिकेट खेलते देखा लेकिन किसी से बात करने की हिम्मत नहीं जुटा पाईं. इसके अगले दिन पूजा फिर स्टेडियम पहुंची और देखा कि लड़के फ़िटनेस ट्रेनिंग में लगे हैं और नेट्स खाली है. मौका देखते ही सभी क्रिकेट खेलने को पहुंच गए, पूजा ने बल्ला संभाला और एक दोस्त को गेंद डालने के लिए कहा. पूजा लगातार बल्ला घुमा रही थीं और भूल गई थीं कि वे एक अकैडमी के मैदान में खेल रही हैं, अचानक एक लड़का उनके पास पहुंचा. पूजा को लगा कि उन्हें डांट पड़ेगी लेकिन उन्हें पूजा की बल्लेबाज़ी बहुत पसंद आई. पूजा ने वहां प्रैक्टिस करने की इच्छा ज़ाहिर की, लड़के ने कोच को बुलाया और कोच ने परमिशन दे दी. कोच आशुतोष श्रीवास्तव बीसीसीआई लेवल 1 कोच थे. पूजा को ये पता नहीं था. इस तरह पूजा को कोच भी मिल गया और मेहनत से वे 13 साल की उम्र में मध्य प्रदेश स्टेट टीम में सेलेक्ट हो गईं.

बल्लेबाज़ी करती पूजा में एक कोच ने देखा गेंदबाज़ी का हुनर

Pooja Vastrakar

पूजा ने डोमेस्टिक क्रिकेट में बतौर बल्लेबाज़ एंट्री की. कोच, रेखा पुणेकर ने उनमें गेंदबाज़ी का भी हुनर देखा. एक बार पूजा की बाईं हाथ की उंगली चोटिल हो गई और वे ग्लव्स नहीं पहन पाईं, वे प्रैक्टिस सेशन में जाती थीं. कोच रेखा ने उन्हें गेंद पकड़ाई और गेंद डालने को कहा. पूजा की गेंदबाज़ी देख कोच रेखा बेहद प्रभावित हुईं. इस तरह पूजा का गेंदबाज़ी भी करने लगीं.

इंजरी की वजह से दो विश्व कप का हिस्सा नहीं बन पाईं

Pooja Vastrakar

2016 में पूजा फ़ील्डिंग के दौरान घुटने मुड़ने से चोटिल हो गईं और 2017 वनडे वर्ल्ड कप में सेलेक्ट नहीं हुईं. पूजा का सेलेक्शन टी 20 विश्व कप के लिए हुआ लेकिन प्रैक्टिस मैच के दौरान उनके घुटने में चोट लग गई और वे विश्व कप से बाहर हो गईं. पूजा ने हार नहीं मानी. घुटनों के ऑपरेशन के बाद उन्होंने 2019 में टीम में वापसी की.

2020 लॉकडाउन के दौरान जब पूजा अपने घर पर थीं तब घर पर रखे LPG सिलेंडर से ही उन्होंने वर्कआउट शुरु किया था. पूजा की ये तस्वीर भी चर्चा में थी.