बस्तर के जंगल में मिला शेर से लड़ने की क्षमता वाला दुर्लभ जीव हनी बेजर, ग्रामीण ने पिलाया दूध

रायपुर/कांकेर. छत्तीसगढ़ के बस्तर को जैव विविधताओं के लिए जाना जाता है. यहां जमीन के ऊपर खूबसूरत जंगल, पहाड़, झरने और नीचे बेशकीमती पत्थर हैं. बस्तर के जंगलों में दुनिया के दुर्लभ जीव-जंतु भी पाये जाते हैं. बस्तर संभाग के कांकेर जिले में अनोखे जीव को देख ग्रामीण हैरान रह गए. कांकेर के जंगल में बीते 17 अगस्त को घूमते मिले इस जीव को एक ग्रामीण ने दूध पिलाया. इसके बाद वन विभाग की टीम को जानकारी दी. मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम जीव को देख हैरान रह गई. क्योंकि छोटा सा दिखने वाला यह जीव सामान्य नहीं था.

वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो कांकेर के कोटलभट्ठी गांव के पास सड़क किनारे मिला यह जीव दुर्लभ प्रजाति का हनी बेजर है. हनी बैजर दुनिया का सबसे निर्भीक जानवर माना जाता है. हनी बेजर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में ‘मोस्ट फियरलेस क्रीचर‘ के नाम से दर्ज है. इतना ही नहीं यह जीव बेहद खूंखार, निडर, बुद्धिमान और चालाक भी माना जाता है. यह संसार के संरक्षित जीवों में से एक है. आकार में छोटे इस जीव में शेर और हानिया जैसे खतरनाक जानवरों से लड़ने की क्षमता है. ये जीव किसी का भी शिकार करने में सक्षम है. बिज्जू प्रजाति के इस जीव की संख्या बीते डेढ़ दशक में तेजी से कम होने के कारण इसे विलुप्त वन्यजीवों की श्रेणी में रखा गया है.

ग्रामीण को करेंगे सम्मानित
बताया जा रहा है कि बस्तर के कांकेर क्षेत्र में दुर्लभ जीव हनी बेजर पहली बार दिखाई दिया है. 17 अगस्त को कांकेर में मिले इस जीव हनी बेचर को वन विभाग की टीम ने अपने कब्जे में ले लिया है. बस्तर के कांकेर क्षेत्र में दुर्लभ जीव हनी बेजर पहली बार दिखाई दिया है. हनी बैजर की जान ग्रामीण रैनू नेताम ने बचाई थी. कांकेर के सरोना वन परिक्षेत्र अधिकारी धनलाल साहू ने बताया कि हनी बैजर का बच्चा है. वन विभाग जिसकी देखभाल कर रहा है. उसे अभी जंगल में छोड़ा नहीं जा सकता. जब छोड़ने लायक होगा उसे जंगल में वापस छोड़ दिया जाएगा. वन विभाग की टीम जिस ग्रामीण ने हनी बैजर को बचाया और उसे वन विभाग को दी, उस ग्रामीण रैनू नेताम को सम्मानित भी किया जाएगा.