जिला मुख्यालय की समीपवर्ती ग्राम पंचायत सैन की सैर की महिलाओं ने होली अलग अंदाज में मनाने की ठान ली है। पंचायत की महिलाओं द्वारा होली के प्राकृतिक रंग तैयार किए जा रहे है। हर बार की तरह इस बार भी इन महिलाओं द्वारा हाथ से होली के नेचुरल रंग तैयार किए जा रहे है। अपनी गृहस्थी में व्यस्त महिलाएं समय निकाल कर रंगों को तैयार कर रही है, ताकि होली के त्यौहार को केमिकल के रंगों की बजाय प्राकृतिक रंगों से मनाया जाए।
महिलाओं ने इस साल होली के अवसर पर यह रंग-बिरंगे नेचुरल कलर तैयार कर बिक्री के लिए मार्केट में उतारा है। होली के रंग तैयार करने वाली महिलाएं इन प्राकृतिक रंगों की बिक्री के लिए काफी उत्साहित नजर आ रही हैं। सरस्वती स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार किए गए प्राकृतिक रंगों का मूल्य बाजार के मूल्य से कम रखा गया है, ताकि उपभोक्ता अधिक से अधिक संख्या में प्रकृति के साथ होली मना सके।
क्या है इन रंगों के फायदे
महिलाओं का कहना है कि यह रंग केमिकल युक्त है, जो त्वचा के लिए हानिकारक नहीं होते। रंगों में खुशबू के लिए चंदन का पाउडर मिलाया गया है। महिलाओं ने इसे ऑर्गेनिक हल्दी, आटा, गुलाब जल कई तरह के फूलों के मिश्रण से तैयार किया है। इन प्राकृतिक रंगों को कम कीमत पर खरीदा जा सकता हैं।
रंगों की खास बात यह है कि इन्हें प्राकृतिक सामग्री से तैयार किया गया है, जो कि बिल्कुल सुरक्षित है। महिलाओं ने लोगों को होली की बधाई दी है। गांव की महिलाएं बाला देवी, सत्या देवी, मंजू देवी, सरिता देवी, बाला ठाकुर ने उम्मीद जाहिर की है कि लोगों को इनके बनाए गए प्राकृतिक रंग पसंद आएंगे।