बिहार के लड़के, कभी दूसरों के यहां करते थे नौकरी, अब खुद के बिजनेस में दूसरों को देते हैं नौकरी

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जिनका हौसला बुलंद होता है, उन्हें आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक पाता. दोस्तों की एक जोड़ी ने इसे सच कर दिखाया है. बिहार के बक्सर जिले में हरिकिशुनपुर गांव के रहने वाले रवि पांडेय और अजय ओझा एक समय में दूसरों के यहां नौकरी करते थे. लेकिन उन्होंने अब पेपर प्लेट तैयार करने के लिए खुद का स्टार्टअप शुरू किया है. इसके जरिए न सिर्फ वो खुद अच्छी कमाई कर रहे हैं, बल्कि दूसरों को रोजगार भी दे रहे हैं. दावा है कि अब तक वो 15 लोगों को नौकरी दे चुके हैं.

Two friends working for others gave employment to 15 people in their own businessNews 18

पहले दूसरों के यहां की नौकरी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रवि और अजय ने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया है. उनमें काफी अच्छी दोस्ती है. वे अपना स्टार्टअप शुरू करने से पहले मोबाइल की दुकान से लेकर कई दूसरी जगहों पर नौकरी किया करते थे. न्यूज 18 से बातचीत के दौरान रवि पांडेय बताते हैं कि मैंने अख़बारों में पढ़ा था कि सरकार ने प्लास्टिक और थर्माकोल बैन कर दिया है. जिसके बाद हमने पेपर प्लेट और दोना बनाने वाल मशीनें खरीदकर खुद का बिजनेस शुरू करने का फैसला किया.

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साल 2019 में बालापुर गांव में दोनों ने पेपर प्लेट तैयार करने का लघु उद्योग लगाया. शुरुआत में इन्हें काफी मेहनत करनी पड़ी, लेकिन धीरे-धीरे राह आसान होने लगी. वक्त के साथ बिजनेस बढ़ता गया. एक मशीन से आज इनके कारखाने में 6 मशीनें लगी हुई हैं. 15 लोगों की एक टीम उनके साथ काम करती है.  प्रतिदिन के हिसाब से जो जितनी प्लेट बनाता है. उसे उस हिसाब से मजदूरी दी जाती है. हर व्यक्ति रोजाना 400-500 रुपए कमा ही लेता है.

भविष्य की योजना क्या है?

दोनों दोस्तों का कहना है इस बिजनेस को खड़ा करने में उन्हें 18 लाख रुपए का खर्च आया है, जिसमें सरकार की भी मदद ली गई है. भविष्य में ये दोनों अपने काम को बढ़ाना चाहते हैं, ताकि अधिक से अधिक लोगों को रोजगार दिया जा सके. रवि पांडेय का कहना है कि तमाम खर्च निकालकर अभी 15-20 हजार रुपए प्रति माह की बचत हो जाती है. मगर आने वाले दिनों में जैसे-जैसे हमारा काम बढ़ेगा, वैसे-वैसे हमारी आमदनी भी बढ़ेगी, और लोगों को हम रोजगार भी मुहैया कराएंगे.