माता-पिता अकसर अपने बच्चे की मार्कशीट देखकर खुश होते हैं, गर्व महसूस करते हैं. पर क्या कभी ऐसा सुना है कि एक बेटे ने अपनी मां की मार्कशीट सबको दिखाई हो? ऐसा तो कम ही होता है. LinkedIn पर एक सॉफ़्टवेयर इंजीनियर ने ख़ुश हो कर अपनी मां की मार्कशीट दुनिया को दिखाई. एक 53 साल की महिला ने साबित कर दिया कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती है. इस शख्स की मां ने 37 साल पहले स्कूल छोड़ा था और अब 53 की उम्र में 10वीं पास की.
37 साल पहले स्कूल छोड़ा था, दोबारा पढ़ाई शुरू की
मास्टरकार्ड में सीनियर सॉफ़्टवेयर इंजीनियर, प्रसाद जम्भाले (Prasad Jambhale) ने LinkedIn पर बताया कि उसकी मां ने सेकेंडरी स्कूल सर्टिफ़िकेट (Secondary School Certificate, SSC) पास कर लिया. कल्पना की कहानी ने एक बार फिर ये साबित कर दिया कि इंसान किसी भी उम्र में कुछ भी हासिल कर सकता है. उम्र तो सिर्फ़ एक संख्या है, धैर्य और मेहनत से इंसान कहीं भी पहुंच सकता है.
आर्थिक तंगी की वजह से छूटी थी पढ़ाई
जब कल्पना 16 साल की थी तब उनके पिता की मृत्यु हो गई. परिवार पर समस्याओं का पहाड़ टूट पड़ा. कल्पना ने अपने भाई-बहनों को पढ़ाने के लिए स्कूल की पढ़ाई छोड़ दी और नौकरी शुरू की. पिछले साल किसी काम से कल्पना एक सरकारी स्कूल गईं थी. वहां उन्हें एक टीचर ने बताया कि एक सरकारी स्कीम के तहत वे अपनी SSC (10वीं) की परीक्षा दोबारा दे सकती हैं. ऑफ़लाइन, ऑनलाइन ट्रेनिंग, किताबें आदि सभी का खर्चा सरकार ही उठाएगी.
चुपके से शुरू की फिर से पढ़ाई
कल्पना ने बिना किसी को बताए दिसंबर 2021 में एक बार फिर स्कूल जाना शुरू किया. उनके बेटे प्रसाद को ये बात बहुत बाद में पता चली. वे आयरलैंड में रहते हैं और उनकी शादी के ठीक बाद कल्पना की परिक्षाएं होने वाली थी. प्रसाद ने आगे लिखा कि जब भी वो रात में फ़ोन करते और मां के बारे में पूछते तो उन्हें यही बताया जाता कि मां इवनिंग वॉक पर गई हैं. प्रसाद ने बताया कि एक ही छत के नीचे रह रहे उनके भाई और पिता को भी एक महीने तक पता नहीं चला था कि कल्पना ने दोबारा स्कूल जाना शुरू किया है.
परीक्षा और बेटे की शादी की तैयारियां साथ-साथ की
पढ़ाई छूटने के इतने सालों बाद भी कल्पना आसानी से सारे चैप्टर्स और सब्जेक्ट्स पढ़ रही थी. प्रसाद ने बताया कि वे एलजेबरा और इंग्लिश में कमाल कर रही थीं. प्रसाद की शादी फरवरी में थी और कल्पना की परिक्षाएं मार्च में. इसके बावजूद उन्होंने दोनों की तैयारियां की. कल्पना ने न सिर्फ़ 10वीं पास की बल्कि 79.60 प्रतिशत अंक प्राप्त किए.
प्रसाद ने लिखा कि उन्हें उनकी मां पर गर्व है. इस कहानी पर आपकी क्या राय है?