नई दिल्ली. ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो ने सोमवार को वित्त वर्ष 2022-23 के जून तिमाही के वित्तीय आंकड़े जारी किए. तिमाही आंकड़ों में कंपनी का प्रदर्शन बेहतर रहा है. इसके बाद कंपनी के शेयरों ने आज एनएसई पर 20 फीसदी की बढ़त बनाई और इसमें अपर सर्किट लग गया. निवेशकों का जमकर पैसा डुबाने वाले इस शेयर में तेजी विश्लेषकों के अनुमान के अनुरूप ही दिखाई दे रही है. आज जोमैटो के शेयर 55.55 के स्तर पर बंद हुए.
कंपनी द्वारा जारी किए गए तिमाही नतीजों में इसे 186 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. यह इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के मुकाबले लगभग आधा है. वित्त वर्ष 2021-22 में कंपनी को जून तिमाही में 359 करोड़ का घाटा हुआ था. वहीं, परिचालन से कंपनी की आय 67.44 फीसदी बढ़कर 1,413.9 फीसदी हो गई है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यहां से निवेशकों को मुनाफा कमा कर निकल जाना चाहिए या फिर अपना निवेश कुछ और समय के लिए बनाए रखना चाहिए। देश-विदेश के ब्रोकरेज फर्म इसमें निवेश को बनाए रखने के पक्ष में दिखाई दे रहे हैं. आइए देखते हैं कि इन ब्रोकरेज की जोमैटो के शेयरों पर क्या राय है.
इस विदेशी ब्रोकरेज ने जोमैटो पर 100 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ बाय रेटिंग बरकरार रखी है. ब्रोकरेज का कहना है कि फूड डिलीवरी बिजनेस में नुकसान धीरे-धीरे कम हो रहा है और कंपनी द्वारा अधिग्रहित ब्लिंकट भी अपना परिचालन मजबूत कर रही है.
ब्रोकरेज ने जोमैटो को 80 रुपये का टारगेट प्राइस और ओवरवेट रेटिंग दी है. मॉर्गन स्टेनली तिमाही आंकड़ों को बेहतर गुणवत्ता वाला मान रही है. ब्रोकरेज का कहना है कि रेटिंग में बदलाव कंपनी के सधे हुआ निरंतर प्रयासों पर निर्भर करेगा.
इस ब्रोकरेज ने 95 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ जोमैटो को बाय रेटिंग दी है. यूबीएस का कहना है कि वृद्धि को समर्थन करने वाले कारक मजबूत हो रहे हैं और घाटा लगातार कम हो रहा है.
इससे पहेल कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कहा था कि जोमैटो के शेयरों में बिकवाली का दौर खत्म हो चुका है. कोटक ने इसे करीब 80 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ बाय रेटिंग दी है. इसके अलावा इंटरनेशन ब्रोकरेज जेफरीज ने इसे 12 महीनों में 100 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है.