बॉलीवुड में 2 दशक बिता चुके रणदीप किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. वन्स अपोन अ टाइम इन मुम्बई, सबरजीत, हाईवे, जन्नत-2, मर्डर-3 जैसी तमाम फिल्मों के ज़रिए उन्होंने अपनी जबरदस्त फॉलोइंग बनाई है. उन्होंने गाड़ियां साफ करने से लेकर रेस्टोरेंट तक में काम किया और अपनी मेहनत के दम पर फिल्म जगत में अलग पहचान बनाई.
20 अगस्त 1976 को हरियाणा के रोहतक जिले के एक सर्जन के घर रणदीप ने अपनी आंखें खोली थी. घर की आर्थिक स्थिति अच्छी थी इसलिए उनका बचपन ठीक-ठाक बीता. सोनीपत के एमएनएसएस बोर्डिंग स्कूल से शुरुआती पढ़ाई पूरी करने के बाद वो पहले दिल्ली गए, फिर उच्च शिक्षा के लिए ऑस्ट्रेलिया के लिए उड़ान भर ली.
ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न से उन्होंने मार्केटिंग और मास्टर्स इन बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई की. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दौरान उन्होंने अपना खर्च चलाने के लिए रेस्टोरेंट में काम करने से लेकर, गाड़ियों की सफाई और टैक्सी चलाने जैसे कई छोटे-छोटे काम किए. भारत लौटने पर वो एक अच्छी नौकरी पाने में सफल रहे, मगर वो इसे अधिक दिनों तक जारी नहीं रख सके और फिल्म जगत की ओर मुड़ गए.
मॉडल और रंगमंच अभिनेता के तौर पर धीरे-धीरे उन्होंने कदम बढ़ाए. कड़े संघर्ष के बाद अंतत: उनकी मेहनत रंग लाई और उन्हें साल 2001 में रिलीज हुई फिल्म मानसून वेडिंग में काम करने का मौका मिला. यह उनके करियर की पहली फिल्म बताई जाती है, जिसके बाद उनकी ज़िंदगी बदल गई. मानसून वेडिंग के बाद उन्हें रामगोपाल वर्मा के साथ काम करने का मौका मिला.
साल 2005 में आई फिल्म ‘डी’ ने उन्हें लोकप्रिय बनाया. दाऊद के किरदार पर बनी इस फिल्म ने रणदीप को स्टार बना दिया. इसके बाद आई ‘हाईवे’ और ‘सरबजीत” ने क्रिटिक्स के दिलों में भी जगह पक्की कर ली. फिर तो रणदीप आगे-आगे और सफलता उनके पीछे-पीछे. अब तक रणदीप 30 से अधिक फिल्में कर चुके हैं और अपने फैंस के दिल में खास जगह रखते हैं.