बोंडा जनजाति की बेटी ने किया 12वीं में टॉप, दोस्तों के मोबाइल से पढ़ाई करने 2-3 Km चल कर जाती थी

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बिना मेहनत के तख्तो-ताज नहीं मिलते, ढूंढ लेते हैं अंधेरों में मंजिल अपनी, क्योंकि जुगनू कभी रोशनी के मोहताज नहीं होते. ये लाइन ओडिशा के मलकानगिरी जिले की पहाड़ी इलाकों में रहने वाली बोंडा जनजाति की एक बेटी कुर्मा मुदुली पर बिल्कुल फिट बैठती है, जिसने बारहवीं की परीक्षा में टॉप किया है. 

जिलाधिकारी करेंगे सम्मानित 

मुदुली ने अपनी मेहनत और लगन से बारहवीं के कॉमर्स विषय की परीक्षा में 82.66 प्रतिशत मार्क्स लाकर जिले में टॉप किया है. जो उसकी मेहनत का नतीजा है. उसकी इस सफलता से परिवार के साथ बोंडा समुदाय में खुशी का माहौल है.

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वहीं गरीब की बेटी के टॉपर बनने के बाद आने वाली 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मुदुली को जिलाधिकारी विशाल सिंह के द्वारा 10 हजार रुपए का नगद पुरस्कार दिया जाएगा. 

कई परेशानियों का सामना कर पाई सफलता

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मलकानगिरी जिले के पहाड़ी इलाकों में रहने वाली बोंडा जनजाति के एक गरीब परिवार में जन्मी मुदुली ने अपनी सफलता का श्रेय अपने शिक्षकों को दिया है. 

Bonda TribeBonda Tribe

मुदुली ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान दो सालों तक कॉलेज बंद रहा. ऑनलाइन क्लास चली, मगर मुदुल के गांव में नेटवर्क की बहुत समस्या थी. उसके पास कोई मोबाइल भी नहीं था. ऐसे में उसने अपने दोस्तों से मोबाइल लेकर क्लासेज ज्वाइन की. लेकिन नेटवर्क की समस्या को लेकर मुदुली को दो से तीन किमी दूर जाकर पढ़ाई करनी पड़ी. 

कई परेशानियों और संसाधनों के आभाव में मुदुली ने अपनी मेहनत और संघर्ष से जिले में टॉप किया. जो बोंडा जनजाति के दूसरे छात्र व छात्राओं के लिए प्रेरणादायक है.