नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह के बीच मंगलवार को हुई शिखर वार्ता के बाद दोनों देशों ने छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए. दोनों देशों के बीच निर्माण क्षमता, साइबर सुरक्षा, आवास, आपदा प्रबंधन और बुनियादी ढांचे में सहयोग बढ़ाने को लेकर समझौते हुए हैं.
शिखर वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मालदीव को 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त ऋण सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया गया है ताकि सभी परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जा सके.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों में नया जोश देखने को मिला है और नजदीकियां बढ़ीं हैं. उन्होंने कहा, ‘कोविड महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद हमारे बीच का सहयोग व्यापक साझेदारी का रूप ले रहा है.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि हिंद महासागर में अंतरराष्ट्रीय अपराध, आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी का खतरा गंभीर है. उन्होंने कहा कि शांति के लिए भारत-मालदीव के बीच घनिष्ठ संबंध महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि भारत-मालदीव साझेदारी न केवल दोनों देशों के नागरिकों के हित में काम कर रही है, बल्कि यह स्थिरता का स्रोत भी बन रही है. प्रधानमंत्री ने कहा कि मालदीव की किसी भी जरूरत या संकट पर भारत ने सबसे पहले प्रतिक्रिया दी है और आगे भी देता रहेगा.
वहीं, मालदीव के राष्ट्रपति सोलिह ने कहा कि हम आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराते हैं. उन्होंने कहा कि मालदीव भारत का सच्चा मित्र रहेगा. सोलिह एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ चार दिवसीय भारत यात्रा के लिए सोमवार को दिल्ली पहुंचे थे.
मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रमुख समुद्री पड़ोसियों में से एक है और पिछले कुछ वर्षों में रक्षा एवं सुरक्षा के क्षेत्रों सहित समग्र द्विपक्षीय संबंधों में वृद्धि हुई है. पीएम मोदी ने कहा, ‘हमने आज ग्रेटर माले में 4000 सोशल हाउसिंग यूनिट्स के निर्माण के प्रोजेक्ट्स का रिव्यू भी किया. मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता है कि हम इसके अतिरिक्त 2000 सोशल हाउसिंग यूनिट्स के लिए भी आर्थिक मदद देंगे.’