भारत में भी जल्द कर सकेंगे अंतरिक्ष की सैर! ISRO स्‍पेस टूरिज्‍म पर तेजी से कर रहा काम

नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार को कहा कि भारत में स्पेस टूरिज्म बहुत जल्द संभव होगा. उन्होंने बताया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो पृथ्वी की निचली कक्षा (Low Earth Orbit) के लिए मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता के प्रदर्शन के माध्यम से अंतरिक्ष पर्यटन की दिशा में स्वदेशी क्षमताओं को विकसित करने की प्रक्रिया में है. स्‍पेस टूरिज्‍म वर्तमान में काफी महंगा है.

भारत में भी जल्द अंतरिक्ष पर्यटन संभव हो सकता है, इसरो इस दिशा में काम कर रहा है. (Symbolic Image)

इस साल अप्रैल में अमेरिकी कंपनी Axiom Space ने 3 बिजनेसमेन को इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISI) की यात्रा कराई थी. रिपोर्ट की मानें तो एक यात्री से करीब 420 करोड़ रुपये चार्ज किए गए थे.

फ‍िलहाल इस सेक्‍टर में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के सहयोग से  Axiom Space और SpaceX जैसी कंपनियां बाजार बनाने में जुटी हैं. राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि नेशनल स्‍पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर (IN-SPACe)  ने भी अंतरिक्ष पर्यटन को शामिल करने समेत इन गतिविधियों में प्राइवेट सेक्‍टर की सक्रिय भागीदारी को बढ़ाने की मांग की. अंतरिक्ष कूटनीति पर एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसरो ने अंतरिक्ष गतिविधियों के विभिन्न क्षेत्रों में 61 देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय सहयोग और संबंधों को आगे बढ़ाया है.

एक अन्य सवाल के जवाब में जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष विभाग एक व्यापक इंटीग्रेटेड स्‍पेस पॉलिसी तैयार करने की प्रक्रिया में है, जो प्राइवेट स्‍पेस इंडस्‍ट्री की गतिविधियों को दिशा देगा. गौरतलब है कि नेशनल स्‍पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर (IN-SPACe) अंतरिक्ष विभाग के तहत स्पेस रिसर्च के क्षेत्र में प्राइवेट सेक्‍टर को शामिल करने और अधिकृत करने के लिए एक सिंगल विंडो एजेंसी है.

 ISRO मिशन गगनयान (Mission Gaganyaan) के तहत अपनी पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान पर भी काम कर रहा है. सरकार की ओर से हाल ही में यह बताया गया था कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन अगले साल तक इंसानों को अंतरिक्ष में भेजने की उपलब्धि हासिल कर लेगा.

एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया था कि अगले साल भारत के 2 एस्ट्रोनॉट ISRP के मिशन गगनयान के तहत स्पेस में जाएंगे. इस साल के आखिर तक दो परीक्षण किए जाने की तैयारी है. पहले परीक्षण में मानव रहित यान को स्पेस में भेजा जाएगा. जबकि दूसरी बार में एक रोबोट के साथ यान स्पेस में जाएगा. इस रोबोट का नाम व्योमित्र रखा गया है. ट्रायल के रिजल्‍ट का विश्लेषण करने के बाद इसरो मानव अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में भेजे जाने को लेकर अंतिम फैसला लेगा.