भारत में वायरल संक्रमणों का ट्रिपल अटैक, कोरोना ही नहीं, H3N2 और H1N1 के मामले भी बढ़ रहे

राजधानी दिल्ली समेत पूरे देशभर में इन दिनों एक नहीं बल्कि तीन संक्रमणों का खतरा बढ़ गया है। कई राज्यों में H3N2 और H1N1 और कोविड मामलों में उछाल देखा जा रहा है। ऐसे में एक्सपर्ट्स लोगों को मास्क पहनने की सलाह दे रहे हैं। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों को चिट्ठी लिखकर अलर्ट जारी किया है।

नई दिल्ली: भारत इन दिनों वायरल संक्रमणों की तिहरी मार झेल रहा है। देशभर में एक साथ तीन-तीन वायरल संक्रमणों ने लोगों में डर का माहौल पैदा कर दिया है। राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में कोविड-19, H3N2 और H1N1 के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है। संक्रमण के मामलों की निगरानी कर रहे आईडीएसपी के मुताबिक 28 फरवरी तक देशभर में H1N1 के 955 मामले दर्ज किए गए, इस संक्रमण को स्वाइन फ्लू भी कहा जाता है।

तेजी से बढ़ रहे इन्फ्लुएंजा के मामले
स्वास्थ्य मंत्रालय ने के एक बयान के मुताबिक, ‘देश में H1N1 के तमिलनाडु में सबसे ज्यादा 545, महाराष्ट्र और गुजरात में 170, केरल में 42 और पंजाब में 28 मामले सामने आए हैं। इसके अलावा आईडीएसपी के डेटा के अनुसार जनवरी के महीने में देशभर में श्वसन संबंधी बीमारी और इन्फ्लुएंजा (ARI/ILI) के 3 लाख 97 हजार मामले सामने आए थे, जो फरवरी में बढ़कर 4 लाख 36 हजार के पार चले गए। एक अधिकारी ने बताया कि मार्च के पहले 9 दिनों में ही इन्फ्लुएंजा के 1 लाख 33 हजार मामले सामने आए हैं।

वायरल संक्रमणों का मिक्सर फैल रहा
मैक्स साकेत के इंटरनल मेडिसिन के डायरेक्टर डॉक्टर रोमेल टिकू बताते हैं, ‘बुखार वाले सभी मरीजों की टेस्टिंग नहीं हो रही है। इसे करने की कोई जरूरत नहीं है। हालांकि सच यह है कि इन वायरल संक्रमणों का मिक्सर चल रहा है। इसकी वजह से ARI/ILI मामलों में उछाल आया है। ऐसे में बुजुर्गों और पहले से मौजूद कॉमरेडिटीज वाले लोगों को अस्पताल में भर्ती करने वालों की संख्या ज्यादा है।
मास्क पहनने से कम होगा संक्रमण का खतरा
एक अन्य सीनियर डॉक्टर ने बताया कि स्वाइन फ्लू H1N1, इन्फ्लुएंजा A के सबवेरिएंट H3N2 या कोरोना, ये सभी मुख्य रूप से वायरस से फैलते हैं। अगर हम मास्क पहने तो इन तीनों संक्रमण के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। पिछले हफ्ते स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुष्टि की कि H3N2 के संक्रमण के कारण दो लोगों की मौत हो गई थी, ये इन्फ्लुएंजा ए वायरस का सबवेरिएंट है जो मौसमी फ्लू का कारण बनता है।

इन्फ्लुएंजा के अलग-अलग वेरिएंट फैल रहे
मंत्रालय ने कहा कि डेटा के मुताबिक, SARI या ILI से पीड़ित मरीजों के सैंपल की टेस्टिंग करने पर करीब 79 फीसदी लोगों में इन्फ्लूएंजा ए की पुष्टि हुई। वहीं करीब 14 फीसदी मामलों में इन्फ्लुएंजा बी विक्टोरिया की पुष्टि हुई। इन्फ्लुएंजा बी भी एक सबवेरिएंट है। इसके अलावा 7 फीसदी लोगों में H1N1 यानी स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई, ये तीसरा सबसे ज्यादा पाया जाने वाला इन्फ्लूएंजा वायरस है। हाल ही में देश के कुछ हिस्सों में कोरोना मामलों में उछाल देखा गया है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में 3.24% कोविड पॉजिटिव रेट दर्ज किया गया है। दिल्ली में 401 सैंपल्स की टेस्टिंग करने पर 13 लोग कोविड पॉजिटिव पाए गए।

केंद्रिय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों को लिखी चिट्ठी
इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखकर इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी के लिए अलर्ट रहने को कहा। उन्होंने कहा कि इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी या गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण के मामलों की निगरानी करने के लिए गाइडलाइन का पालन किया जाना चाहिए। भूषण ने राज्यों को अस्पतालों का निरीक्षण करने और दवाओं और मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता जैसी चीजों का जायजा लेने का भी निर्देश दिया। भूषण ने लिखा, ‘पिछले कुछ महीनों में कोरोना मामलों में काफी गिरावट देखी गई है, लेकिन कुछ राज्यों में फिर से कोविड के पॉजिटिव रेट में इजाफा होना चिंता की बात है, जिस पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है।’