भारी बारिश के बीच पेट दर्द से कराह रही गर्भवती महिला को चार किलोमीटर तक पीठ पर उठाकर सड़क मार्ग पहुंचाया गया।
कुल्लू जिले की सैंज घाटी में सड़क न होने से अकसर ग्रामीणों को मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं। आपातकालीन स्थिति में मरीजों को पीठ या कुर्सी पर उठाकर मुख्य मार्ग तक पहुंचाना पड़ता है। ऐसा ही एक मामला रविवार को देहुरीधार पंचायत के अपर शफाड़ी का है। भारी बारिश के बीच पेट दर्द से कराह रही गर्भवती महिला को चार किलोमीटर तक पीठ पर उठाकर सड़क मार्ग पहुंचाया गया। पुरुषोत्तम राम की पत्नी सपना देवी को सुबह के समय अचानक पेट दर्द शुरू हो गया।
दर्द असहनीय होने पर महिला के पति ने अन्य ग्रामीणों के साथ मिलकर उसे पीठ पर उठाकर अस्पताल तक पहुंचाया। सड़क न होने के कारण उन्हें चार किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा और तुंग गांव पहुंचे। यहां से सात किलोमीटर तक छोटी गाड़ी में महिला को सेरी कैंची तक लाया गया। इसके बाद 108 एंबुलेंस की मदद से गर्भवती को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नगवाईं पहुंचाया गया। यहां महिला का उपचार चल रहा है।
महिला के पति पुरुषोत्तम राम ने बताया कि उनकी पत्नी को अचानक पेट में दर्द हुआ था। ग्रामीण भगत राम, बिहारी लाल, तेजस्वी राम, देवी राम, नीरत राम और तीर्थ राम ने कहा कि जुलाई में चार से पांच बार अन्य मरीजों को कुर्सी और पीठ में उठाकर सड़क तक पहुंचाया गया है।
उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी गांव अभी तक सड़क सुविधा से वंचित है। प्रदेश सरकार और लोक निर्माण विभाग भी ग्रामीणों को सड़क सुविधा मुहैया नहीं करवा पाए हैं। उधर, बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी ने कहा कि सैंज के सभी गांवों को चरणबद्ध तरीके से सड़क सुविधा से जोड़ा जा रहा है।