विश्व विख्यात मणिमहेश यात्रा के लिए लोगों ने मणिमहेश का रुख करना शुरू कर दिया है. हर बार मणिमहेश यात्रा के दौरान ज्यादातर बादल फटने की घटनाएं देखने को मिलती है, जिससे अक्सर रास्ते बंद हो जाते हैं और लोग दूसरे छोर पर फंस जाते हैं. उस स्थिति में ये टीमें उन लोगों के लिए राहत बनकर सामने आएंगी.
हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले की विश्व विख्यात मणिमहेश यात्रा के लिए लोगों ने मणिमहेश का रुख करना शुरू कर दिया है. इस यात्रा का पहला स्नान जन्माष्टमी को होगा. यह यात्रा हमेशा ही बरसात के मौसम में होती है और यहां पर कई बार मौसम की खराबी की वजह से जगह जगह पर यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ता है.
कई बार अधिक बरसात में लोग इस यात्रा में फंस जाते हैं. इसी को मद्देनजर रखते हुए प्रशासन द्वारा मणिमहेश यात्रा के दौरान एनडीआरएफ की दो टीमों को तैनात किया गया है. ये दोनों टीमें मणिमहेश यात्रा के लिए रवाना हो चुकी हैं.
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25-25 जवानों की ये दो टीमें मणिमहेश के बड़े स्नान राधा अष्टमी तक मणिमहेश में ही रहेगी और वहां पर अगर कोई आपातकालीन स्थिति पैदा होती है तो उसमें यह टीम लोगों की सहायता करेगी.
हर बार मणिमहेश यात्रा के दौरान ज्यादातर बादल फटने की घटनाएं देखने को मिलती है, जिससे अक्सर रास्ते बंद हो जाते हैं और लोग दूसरे छोर पर फंस जाते हैं. उस स्थिति में ये टीमें उन लोगों के लिए राहत बनकर सामने आएंगी.
इस बारे में जानकारी देते हुए एनडीआरएफ के सब इंस्पेक्टर निकलेश सिंह नेगी ने बताया कि अगर मणिमहेश यात्रा के दौरान कोई भी आपदा आएगी तो उसमें पूरी तरह से लोगों की सहायता करेंगे. उन्होंने कहा कि वह मणिमहेश के लिए प्रस्थान कर रहे हैं और मणिमहेश के बड़े स्नान तक दोनों टीमें पूरी स्थिति पर नजर बनाए रखेंगे.