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महि पंचायत की महिलाओं की अनूठी पहल ने महिलाओं को बनाया स्वावलम्बी

हाथ से बनाई गाई राखियाँ सोलन वासियों को बेहद पसंद या रही है | हाथ से निर्मित यह राखियाँ सोलन की महिलाओं द्वारा बनाई जा रही है | जो देखने मे इतनी आकर्षक है की लोग इसे हाथों हाथ खरीद रहे हैं |

यह महिलाएं पत्तियों से न केवल राखी बना रही है बल्कि घर के   जरूरत ओर सजावट का  सामान भी विभिन्न रंगों मे यह बना रहे है | जिस से न केवल ग्रामीण महिलाएं स्वावलम्बी  हो रही है बल्कि वह अपने परिवार का भरण पोषण भी कर रही हैं |

चीड़ की पत्तियां गर्मियों मे जल कर करोड़ों रुपये की वन संपदा को भी हानि   पहुंचाती है लेकिन अगर इन  पत्तियों का उपयोग बड़ी मात्रा मे किया जाए तो वनों को आग से भी बचाया जा सकता है | प्रदेश सरकार भी महिलाओं के इस कदम को बेहद अच्छा मान  रही है ओर उनका उत्साह बढ़ाने के लिए उनके उत्पादों को बेचने हेतु मंच भी प्रदान कर रही हैं | 

                       अधिक जानकारी देते हुए महि  पंचायत की महिलाओं ने बताया कि  चीड़ की पत्तियों ओर कुशा घास को उपयोग मे ला कर वह  हाथ से निर्मित राखियाँ बना रही है | जिसे सोलन की जनता बेहद पसंद कर रही हैं | उन्होंने बताया कि उनका सारा परिवार राखियाँ बनाने मे उनका बेहद हाथ बटाता  है |

राखियाँ  बेहद आकर्षक होने के चलते शहर वासी इन्हें हाथों हाथ खरीद रहे है | उन्होंने बताया कि राखियाँ बनाने के लिए वह बाजार से केवल धागा खरीदते है बाकी सारा सामान उन्हें जंगल ओर घर के बेकार सामान से मिल जाता है | वह इन सब के उपयोग से  दिन मे करीबन 50 राखियाँ बना लेते है |

वह जितनी भी राखियाँ  तैयार कर  बाजार लेकर आते है वह शाम होते ही  सभी बिक जाती हैं | उन्होंने बताया कि उन्हें यह विशेष प्रशिक्षण पर्यटन विभाग ने दिया था जिसकी वजह से उनकी पंचायत की करीबन 10 महिलाएं सवाबलम्बी हुई हैं | बाईट  महिलाएं