मां बाला सुंदरी शक्तिपीठ में श्रद्धालुओं के चढ़ावे में करोड़ों का डाका, आस्था पर चोट…!

हिमाचल प्रदेश में उत्तर भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां बाला सुंदरी न्यास (Maa Bala Sundari Temple Trust) में श्रद्धालुओं के चढ़ावे को हड़पने के लिए गिरोह सक्रिय है। यदि, 10-15 साल के चढ़ावे की निष्पक्ष व उच्च स्तरीय जांच की जाए तो मां के दरबार से करोडों के गोलमाल से पर्दा उठ सकता है। दरअसल, 17 जून 2022 को मंदिर में चढ़ावे के मुख्य गल्ले सेे सरेआम कथित चोरी की सीसी फुटेज सामने आई थी। इस पर काफी बवाल मचा था। मंदिर न्यास ने जांच के आदेश जारी किए।

चंद रोज पहले शिकायतकर्ता उस समय स्तब्ध रह गए, जब मंदिर न्यास के सहायक आयुक्त के स्तर पर चोरी के आरोप में फंसे चौकीदार को क्लीन चिट दे दी गई। इसी बात पर बवाल मच गया है। सोमवार को त्रिलोकपुर पंचायत के करीब डेढ़ दर्जन ग्रामीणों ने धीरज राणा के नेतृ त्व में उपायुक्त आर के गौतम से मुलाकात की।

मामले की गंभीरता को लेकर उपायुक्त ने तुरंत ही कड़े कदम उठाए। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने सिरमौर प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकारवार्ता में इस बात का भी खुलासा किया कि उपायुक्त ने तुरंत ही सहायक आयुक्त व एसडीएम से फोन पर इस बात को लेकर जवाब तलबी की कि उनके संज्ञान में लाए बगैर ही सीसी फुटेज के मामले के आरोपियों को क्यों दोष मुक्त करार दिया गया। साथ ही पुलिस अधीक्षक को भी सीसी फुटेज में कैद कथित चोरी को लेकर पहले से दर्ज आपराधिक मामले में जांच में तेजी लाने का आग्रह किया।  खैर, मामला बेहद ही संवेदनशील होता नजर आ रहा है।

दरअसल, चढ़ावे में गोलमाल सीधे-सीधे उन श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंचाने वाला है, जो मां के दरबार में दिल खोल कर दान करते हैं। पत्रकारवार्ता में प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने आरोप लगाया कि मंदिर के मुख्य गल्ले के साथ-साथ गर्भगृह सेे चोरी के रोजाना नए तरीके ईजाद किए जाते हैं। सदस्यों ने हैरानी प्रकट करते हुए कहा कि जो चौकीदार सीसी फुटेज में साफ तौर पर बाजुओं में नोट भरते नजर आ रहा है, उसकी तैनाती तहसील कार्यालय में कर दी गई है।

पत्रकार वार्ता के दौरान प्रतिनिधिमंडल 

ऐसे हो रही घोटाले की तस्दीक….
प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों का कहना था कि मंदिर न्यास ने कथित घोटालों में शामिल कर्मचारियों को दबाव बढ़ने पर मंदिर से हटा दिया। इन कर्मचारियों की मौजूदगी के समय 8 से 10 लाख का चढ़ावा रिकाॅर्ड में दर्ज होता था। कुछ समय से चढ़ावे की राशि में तीन गुणा से अधिक का इजाफा हो चुका है।

100 करोड़ के घोटाले की आशंका….
एक सवाल के जवाब में प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे धीरज राणा ने कहा कि 2007 में पहली बार अनियमितताओं को लेकर शिकायत की गई थी। तत्कालीन उपायुक्त ने  पुजारी को पद से हटा दिया था, लेकिन बाद में उसी पुजारी को सहायक प्रबंधक बनाया दिया गया। तब से यही सिलसिला लगातार चल रहा है।

कार्रवाई न होने पर चेतावनी….
प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने मीडिया से बातचीत में मौजूदा उपायुक्त आरके गौतम का उचित कार्रवाई के आश्वासन पर धन्यवाद भी किया। साथ ही प्रतिनिधिमंडल के सामने ही उठाए गए कदमों की सराहना भी की। लेकिन सदस्यों ने ये साफ कर दिया है कि मंदिर के चढ़ावे को लूट रहे कर्मचारियों को बर्खास्त करने के अलावा आपराधिक मामला दर्ज होना चााहिए। साथ ही इन कर्मचारियों की चल व अचल संपत्ति की जांच भी होनी चाहिए। सदस्यों ने कहा कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो मजबूरन उन्हें भूख हड़ताल पर बैठने को विवश होना पड़ेगा।

चाय की केतली व लाइट बंद…
प्रतिनिधिमंडल में शामिल धर्मपाल, सुभाष नंबरदार, जोगिंद्र, युद्धवीर सिंह ठाकुर, सोहन सिंह, गौरव, सुभाष सिंह व राम करन इत्यादि ने कहा कि मंदिर के चढ़ावे की चोरी करने के लिए आरोपियों द्वारा रोजाना ही नए तरीके ईजाद किए जाते रहे है।

उन्होंने खुलासा किया कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बड़ी केतली में डयूटी पर तैनात कर्मचारियों को चाय पिलाने के बहाने हाॅल में दाखिल होता था। इसके बाद ठीेक उस जगह पर पहुंचता था, जहां चढ़ावे का सोना रखा होता था। इसे केतली में  भरकर डयूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों व सीसी फुटेज के सामने ही बाहर लेकर निकल जाता था। उन्होंने बताया कि एक मर्तबा गेहूं की नीलामी के दौरान 80 हजार रुपए की राशि भी बरामद की गई थी।

एक अन्य उदाहरण देते हुए प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि कुछ देर के लिए लाइफ ऑफ़ कर गर्भगृह के गल्ले को काली माता के मंदिर के गल्ले से बदल दिया जाता था। गर्भगृह में लाखों रुपए होते थे, जबकि काली माता के गल्ले में इसकी तुलना में काफी कम चढ़ावा निकलता है। उन्होंने कहा कि मंदिर के डस्टबिनों में भी चढ़ावे की राशि को छिपाया जाता था।

मुख्यमंत्री का नारा-व्यवस्था परिवर्तन….
प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि मुख्यमंत्री की शपथ ग्रहण करते ही सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा था कि वो सत्ता सुख भोगने नहीं आए हैं, बल्कि व्यवस्था परिवर्तन करने आए हैं। उन्होंने कहा कि देखना ये होगा कि मुख्यमंत्री करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था की प्रतीक मां बाला सुंदरी के दरबार में करोड़ों की घपलेबाजी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होती है या नहीं।

उल्लेखनीय है कि मां बाला सुंदरी समूचे उत्तर भारत में करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था की प्रतीक है। हाल ही में भी एक श्रद्धालु ने माता के दरबार में सोने का दरबार भेंट किया था। नकदी, सोने-चांदी के अलावा श्रद्धालुओं द्वारा क्विंटलों अनाज, बेशकीमती वस्त्र इत्यादि भेंट किए जाते हैं।

ये बोले उपायुक्त….
संपर्क किए जाने पर उपायुक्त आरके गौतम ने कहा कि सहायक आयुक्त व एसडीएम से ये जवाब मांगा गया है कि आरोपी कर्मचारी की बहाली कैसे कर दी गई। उन्होंने कहा कि सीसी फुटेज के मामले में पहले से ही मामला दर्ज है। पुलिस अधीक्षक से इस मामले की जांच में तेजी लाने का आग्रह किया गया है। उन्होंने कहा कि विगत में क्या हुआ है, इस पर तो कुछ नहीं कह सकते, लेकिन मौजूदा प्रतिनिधिमंडल की शिकायत के हरेक बिंदू पर निष्पक्ष जांच अमल में लाई जाएगी। इस बारे अधिकारियों को उचित निर्देश दे दिए गए हैं।