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मार्केटिंग के नए-नए हुनर सीखें छात्र

बीबीएन –विख्यात लेखक, स्तंभकार, बालीवुड पटकथा लेखक, सोशल मीडिया प्रभावक और प्रेरक वक्ता चेतन भगत ने चितकारा यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ आनलाइन इंटरफेस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।  कोविड-19 के चुनौती पूर्ण समय में किस तरह से मनोबल का ऊंचा रखा जाए, विषय पर चेतन भगत ने न सिर्फ अपने प्रेरणादायक विचार रखे, बल्कि छात्रों के सवालों के जवाब भी दिए। इस कार्यक्रम में संपूर्ण भारतवर्ष से लोग जुडे़ और उन्होंने शिक्षा के भविष्य व अर्थव्यवस्था में युवाओं की भूमिका आदि विषयों पर चर्चा की। कोविड के समय में अपने मनोबल को किस तरह से ऊंचा रखा जाए। इस सवाल पर चेतन भगत ने कहा कि यह समय दिन गिनने का नहीं है और न ही इन सवालों का कि आगे क्या होगा?  उन्होंने कहा कि यह समय मानसिक रूप से मजबूत रहकर खुद को रचनात्मक लेखन व रचनात्मक विचारों में व्यस्त रखने का है। इसलिए जरूरी है कि हम कुछ हटकर करें, क्योंकि कुछ ही समय में हालत सामान्य हो जाएंगे। उन्होंने 2003 के खुद के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि उस समय वे हांगकाम में इनवेस्टमेंट बैंकर थे, तब गंभीर बीमारी सार्स ने देश पर हमला किया, लेकिन समय के साथ वह दौर भी निकल गया। और ऐसे लोग जिन्होंने सकारात्मक सोच रखी थी। उन्होंने सार्स के दौर के बाद सफलता का नया अध्याय रखा। मधु चितकारा के इस सवाल पर कि युवाओं ने इस पूरे संकट को कैसे लिया है और क्या इसने उनकी दिशा में  बदलाव किया है। चेतन भगत ने कहा कि छात्र और युवा बडे़ पैमाने पर स्क्रीन और मोबाइल  पर अधिक समय व्यतीत कर रहे हैं। उन्होंने युवाओं को सलाह दी कि उन्हें ऐसा करना चाहिए, लेकिन साथ में रचनात्मक कार्यों में भी अधिक समय व्यतीत करना चाहिए। ऑनलाइन एजुकेशन के अलावा  एक दिन में  स्क्रीन पर 2 घंटे तक का समय व्यतीत करना चाहिए।  डा. नियति चितकारा के इस सवाल पर कि कोरोना युग के बाद शिक्षा का भविष्य क्या होगा। उन्होंने कहा कि वे भविष्य की शिक्षा को  एक हाइब्रिड सिस्टम के तौर पर देख रहे हैं, जिसमें कैंपस एजुकेशन के साथ ज्यादा फोकस आनलाइन एजुकेशन पर होगा, लेकिन कैंपस एजुकेशन के महत्त्व को भी छात्रों को समझना होगा, क्योंकि सिर्फ कैंपस ही सीखने की कुंजी हैं। उन्होंने शिक्षा में उच्च ग्रेड के साथ साथ मार्केटिंग के नए-नए हुनरों को भी सीखने पर जोर दिया।