नई दिल्ली. यदि आप सोच रहे हैं कि आपने इनकम टैक्स रिटर्न भर दिया है और आपका काम पूरा हो गया है तो रुकिए. अभी काम पूरा नहीं हुआ है. और इस सूरत में आपको 5,000 रुपये की लेट फीस या जुर्माना लग सकता है. इसलिए जरूरी है कि इस काम को पूरा कर लें.
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद एक महत्वपूर्ण स्टेप उसे वेरिफाई करने का होता है. यदि किसी टैक्सपेयर ने रिटर्न भरने के बाद उसे वेरिफाई नहीं किया है तो आयकर विभाग उसे रद्द मान लेगा. मतलब कि वह रिटर्न भरा ही नहीं गया है. और यदि आपको उसे दोबारा भरना पड़ा तो जुर्माना लगेगा, क्योंकि ITR की अंतिम तारीख निकल चुकी है.
क्यों जरूरी होता है वेरिफाई करने के बाद
आईटीआर भरते समय कुछ गलती हो सकती है. इसलिए आयकर विभाग लोगों से बिना गलती किए ITR भरने के लिए कहता है. वेरिफाई करने से आयकर विभाग को पता चलता है कि टैक्सपेयर ने इसे एक बार अच्छे-से देख लिया है और इसमें गलती होने की गुंजाइश खत्म हो गई है.
टैक्सपेयर द्वारा वेरिफाई या सत्यापित होने के बाद ही आयकर विभाग किसी भी इनकम टैक्स रिटर्न को प्रोसेस करता है. प्रोसेसिंग के बाद इसे फाइनल किया जाता है. इसके बाद यदि टैक्सपेयर का कोई रिफंड बनता है उसे रिफंड जारी किया जाता है.
आयकर विभाग ने अपनी ई-फाइलिंग वेबसाइट पर कहा, “रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए आपको अपने आयकर रिटर्न को सत्यापित करने की आवश्यकता है. निर्धारित समय के भीतर सत्यापन के बिना, एक आईटीआर को अमान्य माना जाता है. ई-सत्यापन आपके आईटीआर को सत्यापित करने का सबसे सुविधाजनक और तेज तरीका है.”
ई-फाइलिंग वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार, कुल 5.83 करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल किए गए हैं, जिनमें से 4.02 करोड़ रिटर्न 31 जुलाई तक सत्यापित किए गए, जोकि आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि थी. वेबसाइट के अनुसार, आयकर विभाग ने 31 जुलाई तक 3.01 करोड़ सत्यापित आईटीआर प्रोसेस किए गए.
कितने दिनों तक कर सकते हैं वेरिफाई
अब, करदाताओं को आय रिटर्न दाखिल करने के 30 दिनों के भीतर अपने आयकर रिटर्न (ITR) को इलेक्ट्रॉनिक रूप से सत्यापित या ई-सत्यापित करना होगा. पहले इसकी समय सीमा 120 दिन थी. एक अधिसूचना में, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि उसने आयकर के सत्यापन की समय सीमा को को घटाकर 30 दिन कर दिया है. सीबीडीटी ने कहा कि यह नया नियम 1 अगस्त, 2022 से प्रभावी है.
ITR वेरिफाई न करने पर क्या होगा?
जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, निर्धारित समय के भीतर सत्यापन के बिना आईटीआर को अमान्य माना जाता है. इसका मतलब यह है कि आईटीआर सत्यापित नहीं होने की स्थिति में 5,000 रुपये की लेट फीस सहित आयकर रिटर्न दाखिल न करने पर दंडात्मक शुल्क (Penal charges) लागू होगा. यदि आप इसे समय पर सत्यापित करना भूल जाते हैं, तो आपको देरी के लिए उचित कारण बताते हुए देरी के लिए क्षमा का अनुरोध करना होगा.