रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेश पर रूस ने दक्षिण के अपने पड़ोसी देश यूक्रेन पर बड़े स्तर पर सैन्य हमला शुरू कर दिया है.
रिपोर्ट ये आ रही हैं कि रूस अपने हमले में यूक्रेन के समूचे सैन्य बुनियादी ढांचों को निशाना बना रहा है. साथ ही रूसी सेना सभी संभव दिशाओं से यूक्रेन में घुस रही है।
पुतिन ने हमले का आदेश दिया
सबसे पहले गुरुवार (24 फ़रवरी 2022) को तड़के टीवी पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का एक बयान प्रसारित हुआ. जिसमें उन्होंने यूक्रेन के पूर्वी डोनबास इलाक़े में ‘सैन्य कार्रवाई’ की घोषणा की. यहां रूसी भाषा बोलने वाले कई यूक्रेनी रहते हैं. इस इलाके कुछ हिस्सों पर 2014 से ही रूसी समर्थित विद्रोहियों का क़ब्ज़ा है.
पुतिन ने इस बयान में कहा कि रूस की यूक्रेन पर क़ब्ज़ा करने की कोई योजना नहीं थी, लेकिन ये कार्रवाई आत्मरक्षा में की जा रही है.
पुतिन ने अपने संबोधन में पूर्वी यूक्रेन में तैनात यूक्रेनी सैनिकों से आग्रह किया कि वो हथियार डाल दें और अपने घरों को लौट जाएँ.
साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि रूस के हमले के दौरान किसी भी बाहरी शक्तियों के हस्तक्षेप को तत्काल जवाब दिया जाएगा और आक्रमण को नष्ट कर दिया जाएगा.
समूचे देश में धमाकों की आवाज़ें सुनाई दीं
बीबीसी संवाददाता ने राजधानी कीएफ़ में और पूर्वी यूक्रेन में दोनेत्स्क के क्रामातोर्स्क इलाके में ज़ोरदार धमाकों की आवाज़ें सुनी.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने हमले की जानकारी देते हुए राष्ट्र के नाम एक वीडियो संदेश में कहा कि पुतिन ने यूक्रेन के ख़िलाफ़ पूरी तरह से चढ़ाई कर दी है. उन्होंने कहा कि रूस ने यूक्रेन के बुनियादी ढांचों पर मिसाइलें दागी है और बॉर्डर गार्ड पर भी हमले किए हैं.
हालांकि रूस के रक्षा मंत्रालय ने यूक्रेन के शहरों पर हमले से यह कहते हुए इनकार किया कि- वो सैन्य बुनियादी ढांचों, एयर डिफेंस और एयर फोर्स पर अपने उच्चस्तरीय सटीक हथियारों से हमले कर रहा है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में बताया कि पूरे यूक्रेन में मार्शल लॉ लागू कर दिया गया है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा, “कोई दहशत नहीं है. हम मज़बूत हैं. हर बात के लिए तैयार हैं. हम हर किसी को हराएँगे, क्योंकि हम यूक्रेनी हैं.”
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि रूस की कार्रवाई यूक्रेन की अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि हमारी सीमाएं अभी भी पहले जैसी ही हैं और बनी रहेंगी क्योंकि रूस के बयानों से कोई फ़र्क नहीं पड़ता है.
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने इससे पहले लड़ाई रोकने की कोशिश करते हुए चेतावनी दी थी कि रूस यूरोप में एक “बड़ी लड़ाई शुरू कर सकता है”.
उन्होंने साथ ही रूस के नागरिकों से आग्रह किया था कि वो रूस के इस क़दम का विरोध करें.
हमले कहाँ हुए हैं
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने अपने वीडियो बयान में यह विस्तार से बताया कि रूस ने यूक्रेनी सेना के बुनियादी ढाँचे और उनकी सीमा पर तैनात यूनिटों समेत हमला कहां कहां किया है.
अधिकारियों ने कहा है कि यूक्रेन की राजधानी कीएफ़ के अलावा निप्रो और खार्कीव में सेना मुख्यालयों, हवाई पट्टियों और सैन्य वेयरहाउसों पर हमले हुए हैं.
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा है कि रूस ने उनकी सीमा पर लगभग दो लाख सैनिकों और हज़ारों बख़्तरबंद गाड़ियों को तैनात कर रखा है.
टैंक और सेना यूक्रेन में घुसी
यूक्रेन ने बताया कि उसके पूर्वी, दक्षिण और उत्तर सीमाओं से टैंक और सेना घुस रही है.
यूक्रेन के बॉर्डर गार्ड सर्विस (डीपीएसयू) ने बताया कि रूस का सैन्य दस्ता बेलारूस से यूक्रेन के उत्तरी चेर्निहाइव इलाके में और रूस से सुमी क्षेत्र घुस गया है.
बेलारूस लंबे समय से रूस का सहयोगी रहा है. विश्लेषकों इसे रूस का ‘क्लाइंट देश’ बताते हैं.
लुहांस्क और खार्विक के साथ ही क्राइमिया के खेरसन क्षेत्र में भी रूसी सैन्य दस्ता पहुंच गया है.
डीपीएसयू ने बताया कि रूस ने सबसे पहले अपने टैंक से हमले किए जिसमें बॉर्डर गार्ड्स जख़्मी हुए हैं.
एक अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि दक्षिण बंदरगाह शहर ओडेसा के पास भी ट्रूप मूवमेंट की रिपोर्ट्स आई हैं.
मौत की ख़बरें
यूक्रेनी पुलिस का कहना है कि रूसी सेना के हमले में कम से कम आठ लोग मारे गए हैं.
अधिकारियों का कहना है कि ओडेसा शहर के बाहरी इलाके पोडिल्स्क में एक सैन्य यूनिट पर हमले में छह लोगों की मौत और सात घायल हुए हैं. वहीं 19 लोग लापता हैं.
यूक्रेन में स्थिति कैसी है?
यूक्रेनी सेना ने एक बयान में “लोगों से शांत रहने और यूक्रेन की डिफेंस में भरोसा रखने” को कहा है.
यूक्रेन की सेना का कहना है कि उसने रूस के पांच विमानों और एक हेलिकॉप्टर को मार गिराया है.
हालांकि रूसी रक्षा मंत्रालय ने इस बात से इनकार किया है कि उसका कोई एयरक्राफ्ट मार गिराया गया है.
यूक्रेन ने देश में मार्शल लॉ की घोषणा की है, जिसका मतलब ये है कि कुछ समय के लिए नियंत्रण सेना ने हाथों में है. साथ ही उसने रूस के साथ सभी कूटनीतिक संबंध भी तोड़ दिए हैं.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने रूस की जनता से इस हमले का विरोध करने का अनुरोध किया है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि यूक्रेन में हथियार बांटा जाएगा, जो भी उसे चाहता है ले सकता है.
इस बीच विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने पूरी दुनिया भर के देशों से रूस पर अंतरराष्ट्रीय स्विफ्ट बैंक ट्रांसफर सिस्टम पर प्रतिबंध समेत कड़े प्रतिबंधों को लगाने की मांग की है.
यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में तनाव, अनिश्चितता और डर का माहौल है. लोगों के चेहरों पर डर और घबराहट नज़र आ रही है. दोनेत्स्क क्षेत्र के कोस्तियनत्यानिवका कस्बे में पेट्रोल पंप से लेकर एटीएम मशीनों पर लोगों की भीड़ देखी जा रही है.
क्या है अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
यूक्रेन के पश्चिम के सहयोगी देशों ने पहले ही लगातार चेतावनी दी थी कि रूस हमले के लिए तैयार है.
हमले की ख़बर आने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि वह अपने सहयोगियों के साथ निर्णायक जवाब देंगे. उन्होंने कहा है कि रूस ने यूक्रेन पर बेवजह हमला किया है.
बाइडन ने कहा, ”राष्ट्रपति पुतिन ने पूर्वनियोजित युद्ध को चुना है और इससे लोगों की जान और मानवता का भारी नुकस़ान होगा. दुनिया रूस की जवाबदेही तय करेगी.”
वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि वो “यूक्रेन की भयानक घटनाओं से व्यथित” हैं और राष्ट्रपति पुतिन ने “बिना उकसावे के हमला बोलकर ख़ूनख़राबे और तबाही का रास्ता चुना है”.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति से बात कर चर्चा की है कि इसका क्या जवाब दिया जाए और साथ ही वादा किया है कि ब्रिटेन और उनके सहयोगी निर्णायक जवाब देंगे.
23 फ़रवरीः यूक्रेन के दो प्रांतों को मान्यता
रूस ने यूक्रेन में सैन्य अभियान पूर्वी यूरोप के दो अलगाववादी प्रांतों दोनेत्स्क और लुहान्स्क को मान्यता देने के एक दिन बाद किया. इन प्रांतों ने स्वयं को गणराज्य घोषित कर दिया है.
इससे पहले रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने 21 फ़रवरी की रात को टेलीविज़न पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था कि रूसी सेनाएं पूर्वी यूरोप में दाखिल होंगी और वे अलगाववादी क्षेत्रों में शांति स्थापित करने की दिशा में काम करेंगी.
राष्ट्रपति के शासनादेश के मुताबिक़ रूसी सेनाएं लुहान्स्क और दोनेत्स्क में शांति कायम करने का काम करेंगी.
दोनेत्स्क और लुहान्स्क पर रूस समर्थित अलगाववादियों का नियंत्रण है.
रूस के राष्ट्रपति ने दावा किया कि यूक्रेन का एक असल राष्ट्र होने का कोई इतिहास नहीं है और आधुनिक यूक्रेन का जो स्वरूप है वो रूस का बनाया हुआ है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक
रूस के राष्ट्रपति पुतिन की घोषणा के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक आपातकालीन बैठक की. यह बैठक कई देशों के अनुरोध के बाद की गयी.
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफ़ील्ड ने पूर्वी यूक्रेन में विद्रोहियों के क़ब्ज़े वाले दो इलाक़ों को रूस के मान्यता देने की कड़ी निंदा की और चेतावनी दी कि इसके नतीजे पूरे यूक्रेन, यूरोप और दुनिया को भुगतने पड़ सकते हैं.
अमेरिकी राजदूत ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति ने मिंस्क समझौते की धज्जियां उड़ा दी हैं और अमेरिका को नहीं लगता कि रूस यहीं रुकेगा.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में चीन ने कहा कि सभी पक्षों को संयम बरतते हुए आगे का सोचना चाहिए. चीन की ओर से कहा गया है कि ऐसी किसी भी कार्रवाई से परहेज़ करना चाहिए जिससे यह संकट और उग्र रूप ले ले. चीन की ओर से सुरक्षा परिषद में मौजूद राजदूत झांग जून ने कहा कि चीन राजनयिक समाधान के लिए किए जा रहे हर प्रयास का समर्थन करता है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत यूक्रेन से संबंधित घटनाओं पर नज़र रखे हुए है. उन्होंने कहा- यूक्रेन की पूर्वी सीमा पर चल रहे घटनाक्रम और रूस की ओर से की गई घोषणा पर भारत की नज़र है.
वहीं तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने यूक्रेन को लेकर रूस के ताज़ा क़दम को अस्वीकार्य कहा है. उन्होंने कहा है कि इस मामले में सभी पक्षों को अंतरराष्ट्रीय क़ानून का सम्मान करना चाहिए.
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन में सेना भेजने के आदेश को ‘जीनियस’ बताया है.
रूस पर पाबंदियां
पूर्वी यूक्रेन में सेना भेजने के रूस के एलान के बाद यूक्रेन ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए रूस पर कठोर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की थी.
अमेरिका समेत कई देशों ने रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं.
इनमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की ओर से दो वित्तीय संस्थाओं, वीईबी और रूसी मिलिट्री बैंक के ख़िलाफ़ लगाया गया प्रतिबंध सबसे ताज़ा है.
साथ ही बाइडन ने ये भी कहा कि रूसी अर्थव्यवस्था के कुछ हिस्सों को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था से हटाया जा रहा है. साथ ही रूस के उच्च वर्ग और उनके परिवारों पर भी प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रूस के पाँच बैंकों और तीन अरबपतियों के ख़िलाफ़ पाबंदियों की घोषणा की है.
बोरिस जॉनसन ने कहा है कि रूस के जिन तीन अरबपतियों पर पाबंदी लगाई गई है, ब्रिटेन में उनकी संपत्ति फ़्रीज की जा रही है और उन्हें ब्रिटेन आने से रोका जाएगा.
जिन बैंकों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, वे हैं रोसिया, आईएस बैंक, जनरल बैंक, प्रॉमस्व्याज़ बैंक और ब्लैक सी बैंक. वहीं जिन तीन प्रभावशाली शख़्सियतों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, वो गेनेडी टिमचेंको, बोरिस रोटेनबर्ग और आइगर रोटेनबर्ग हैं.
पीएम जॉनसन ने कहा कि अगर स्थिति और बिगड़ती है तो नए प्रतिबंध भी लगाए जा सकते हैं.
जर्मनी ने रूस के साथ नॉर्ड स्ट्रीम2 गैस पाइपलाइन को शुरू करने की प्रक्रिया रोक दी है. इस पाइपलाइन के ज़रिए जर्मनी में रूस से गैस पहुंचने वाली थी.
यूक्रेन संकट के ख़िलाफ़ क़दम उठाते हुए जर्मनी के चांसलर ओलाफ़ शल्ट्स ने बर्लिन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि यूक्रेन में रूस ने जो क़दम उठाए हैं, उसके जवाब में उनकी सरकार ये कार्रवाई कर रही है.
यूरोपीय संघ ने एकमत से अपने पहले उपायों पर सहमति व्यक्त की है जिसमें रूस की संसद के उन सदस्यों को लक्ष्य बनाना शामिल है जिन्होंने यूक्रेन पर अपनी सहमित जताई है.
रूसी बैंकों और ईयू के वित्तीय बाज़ारों तक पहुंच को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है. लेकिन अब तक लगाए गए प्रतिबंध हमले की स्थिति वाले डर से कम हैं.
दूसरे देशों की अपने नागरिकों को लेकर चिंता
यूक्रेन में रह रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को देखते हुए उन्हें वापस लाने के लिए एयर इंडिया का एक विशेष विमान कल यानी 22 फ़रवरी को यूक्रेन रवाना हुआ.
एयर इंडिया भारत-यूक्रेन के बीच तीन विमानों को संचालित करेगा.
एक विमान 22 फ़रवरी को 242 यात्रियों को लेकर लौट आया है. वहीं दूसरे विमान के 24 फ़रवरी और तीसरे विमान के 26 फ़रवरी को यूक्रेन जाने की बात थी लेकिन 24 तारीख़ को यूक्रेन जा रहा एयर इंडिया का विमान रूसी हमले के बाद बीच से वापस लौट आया क्योंकि यूक्रेन स्टेट एयर ट्रैफिक सेवा ने अपने देश के हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया. उसने अगले 14 दिनों के लिए यूक्रेन जाने और यूक्रेन से आने वाली सभी उड़ानों को रद्द कर दिया है.
अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने यूक्रेन में अपने दूतावास के अधिकारियों और स्टाफ़ को पोलैंड जाने के लिए कहा है. सुरक्षा कारणों के तहत दोनों देशों की ओर से यह बयान जारी किया गया.
इसके साथ ही रूस ने भी यूक्रेन से अपने राजनयिक कर्मचारियों को निकालने का निर्णय लिया है. रूस के विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि, “रूसी राजनयिकों, दूतावासों और कान्सुलेट जनरल के कर्मचारियों की देखभाल करना हमारी पहली प्राथमिकता है.”
साथ ही अपने बयान में रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा का वो बहुत जल्दी ही इसकी शुरुआत करेगा.