नई दिल्लीः दुनिया भर में मंकीपॉक्स बीमारी तेजी से पैर पसार रही है. 72 देशों में इसके कन्फर्म मरीजों की संख्या करीब 15 हजार हो गई है. भारत में भी चार केस मिल चुके हैं. इसके ज्यादातर मरीज पुरुष और समलैंगिक हैं.
ऐसे में ये सवाल उठ रहा है कि क्या मंकीपॉक्स सेक्स के जरिए फैलने वाली बीमारी है? विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि अभी इस बारे में पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता. हालांकि लंदन में हुई एक नई स्टडी में अनुमान लगाया गया है कि मंकीपॉक्स के 95 फीसदी मामले यौन संबंधों से फैले हैं.
डब्लूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधनोम घेब्रेसियस का कहना है कि मंकीपॉक्स का आउटब्रेक उन पुरुषों में ज्यादा हो रहा है, जो किसी पुरुष के साथ यौन संबंध बनाते हैं. इनमें भी खासकर उन पुरुषों में ये बीमारी ज्यादा फैल रही है, जिनके कई यौन पार्टनर होते हैं. हालांकि ये अभी साफ नहीं है कि ये बीमारी यौन संबंधों के जरिए फैलती है. डब्लूएचओ महानिदेशक के साथ ही कई हेल्थ एक्सपर्ट्स और संक्रामक रोग विशेषज्ञ भी मंकीपॉक्स को अभी STD यानी यौन संचारित रोग मानने को पूरी तरह तैयार नहीं है.
इंडिया टुडे के मुताबिक, एम्स में कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. संजय राय कहते हैं कि अभी हमारे पास ये कहने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है कि मंकीपॉक्स एक एसटीडी है या सेक्स के जरिए फैलने वाली बीमारी है. पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के लाइफ कोर्स एपिडेमियोलॉजी के प्रमुख प्रोफेसर डॉ. गिरधर बाबू कहते हैं कि मंकीपॉक्स के हाई रिस्क मरीजों में ऐसे पुरुष आते हैं, जो पुरुषों से यौन संबंध बनाते हैं. लेकिन सिर्फ यही मामला नहीं है. मंकीपॉक्स के मरीज के करीबी संपर्क में रहने वाले और उसके घाव को छूने वाले लोगों को भी ये बीमारी हो सकती है.
डब्लूएचओ भले ही मंकीपॉक्स को अभी यौन संचारित रोग नहीं मान रहा हो. लेकिन लंदन में हुई एक नई स्टडी अलग ही दावा करती है. न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में छपी इस स्टडी में 27 अप्रैल से 24 अप्रैल के बीच 16 देशों के 528 पुष्ट मरीजों पर रिसर्च की गई. स्टडी में दावा किया गया है कि 95 फीसदी मरीजों में यौन संपर्क की वजह से ये बीमारी पहुंची. इन मरीजों में से 98 फीसदी समलैंगिक (गे) या बाईसेक्सुअल पुरुष हैं. 41 फीसदी को एचआईवी है, जो यौन संपर्क से भी फैलती है. 32 लोगों के वीर्य की जांच करने से पता चला कि उनमें से 29 में मंकीपॉक्स का डीएनए मौजूद है.