सीकर. राजस्थान के सैनिक बाहुल्य शेखावाटी इलाके के सीकर जिले के सपूत शीशपाल बगड़िया (Shishpal Bagdia) कांगो में हुई हिंसक प्रदर्शन में गोली लगने से शहीद (Martyr) हो गये हैं. यूएन के शांति मिशन पर अफ्रीकी देश कांगो गये शीशपाल जब शहीद हुये उस वक्त पत्नी से फोन पर वीडियो कॉल पर बात कर रहे थे. शीशपाल के शहीद होने की सूचना मिलते ही उनके गांव में सन्नाटा पसर गया. शहीद की पार्थिव देह को भारत आने में दो-तीन दिन लगेंगे. शहीद के घर पर ग्रामीणों का जमावड़ा लगा है. ग्रामीण शहीद के परिवार को ढांढस बंधाने में लगे हैं.
जानकारी के अनुसार शहीद शीशपाल सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ के बगड़िया का बास गांव के रहने वाले थे. वे 1994 में बीएसएफ मे भर्ती हुए थे. वर्तमान में वे हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात थे. कुछ समय पहले वे यूएन के शांति मिशन के तहत अफ्रीकी देश कांगो गये थे. शीशपाल ढाई महीने पहले ही छुट्टियां बिताकर वापस ड्यूटी पर गए थे. उनकी पत्नी सरकारी टीचर है. शीशपाल के एक बेटा और एक बेटी है. उनका परिवार परिवार जयपुर रहता है. जबकि शहीद के माता-पिता गांव में रहते हैं.
पत्नी को मोबाइल पर हिंसक प्रदर्शन दिखा रहे थे
शहीद के निकट परिजनों ने बताया कि शीशपाल को गोली मंगलवार को उस समय लगी जब वे अपनी पत्नी से वीडियो कॉल पर बात कर रहे थे. वे पत्नी को वहां चल रहा हिंसक प्रदर्शन मोबाइल पर दिखा रहे थे. इसी दौरान गोली लगने से शीशपाल शहीद हो गये. इसलिये परिवार को उसी समय उनकी शहादत का पता चल गया था. इससे परिवार में कोहराम मच गया. सूचना पर ग्रामीण शहीद के घर पहुंचे और उनके परिजनों को संभाला. शीशपाल के शहीद होने की सूचना पर कई स्थानीय जनप्रतिनिधि भी उनके घर पहुंचे.
शेखावाटी का पूरा इलाका ही सैनिक बाहुल्य है
उल्लेखनीय है कि राजस्थान का पूरा शेखावाटी इलाका ही सैनिक बाहुल्य है. यहां का झुंझुनूं जिला देश में सर्वाधिक सैनिक देने वाले जिले के रूप में पहचान रखता है. उसके बाद सीकर और फिर चूरू जिले का नंबर आता है. तीनों ही जिलों में सैनिकों और पूर्व सैनिकों की बड़ी तादाद है. यहां के युवा सेना में जाने के लिये जी तोड़ मेहनत करते हैं. देश सेवा में यहां के कई बेटे अपनी जान न्योछावर कर चुके हैं. यहां गांव-गांव में शहीदों की मूर्तियां लगी हैं.