राहुल अपनी बात पर अड़े, अब अशोक गहलोत को कांग्रेस की कमान देना चाहती हैं सोनिया गांधी

नई दिल्ली. कांग्रेस का नया अध्यक्ष कौन होगा, इसे लेकर पार्टी में बैठकों और मंथन का दौर चल रहा है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) दोबारा इस पद को संभालने में बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. सोनिया गांधी के कई बार कोशिश के बाद भी राहुल अपनी बात पर अड़े हैं. न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसी परिस्थिति में सोनिया गांधी सीनियर नेता और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को पार्टी की कमान सौंपना चाहती हैं. लेकिन, रिपोर्ट की मानें तो, अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालने ने मना कर दिया है. गहलोत समेत कई कांग्रेस नेताओं ने सोनिया गांधी के दिया तर्क कि गांधी परिवार (Gandhi Family) के अलावा और कोई पार्टी को बांध के नहीं रख सकता. पार्टी बिखर जायेगी.

सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के बड़े नेताओं ने सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को ये सलाह दी है कि अगर राहुल गांधी नहीं मानें, तो सोनिया गांधी ही 2024 तक कांग्रेस की अध्यक्ष बनी रहें. या फिर प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को पार्टी की कमान दी जा सकती है. गहलोत के अलावा मुकुल वासनिक, वेणुगोपाल, सैलजा, मलिकार्जुन खड़गे, भूपेश बघेल चर्चा में बना है. इस बीच सोनिया गांधी अपने रूटीन चेकअप के लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ विदेश जा रही हैं. ऐसे में अध्यक्ष पद का मामला लटक गया है.

लोकसभा चुनाव के बाद राहुल ने दिया था इस्तीफा
दरअसल, पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद राहुल गांधी ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद से सोनिया गांधी पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रही हैं, लेकिन अब सोनिया गांधी समेत कांग्रेस के ज्यादातर नेताओं की राय है कि 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए राहुल गांधी को अध्यक्ष पद संभालना चाहिए. हालांकि राहुल गांधी की तरफ से इस पर ‘हां’ का इंतजार है.

स्वास्थ्य कारणों से अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी नहीं संभाल पा रहीं सोनिया
सोनिया गांधी ने भी अपने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए फिर से पार्टी अध्यक्ष की कुर्सी संभालने से इनकार कर दिया है. सूत्रों ने कहा कि सोनिया गांधी के इस फैसले ने सभी का ध्यान अब प्रियंका गांधी वाड्रा पर केंद्रित कर दिया है, क्योंकि 136 साल पुराने संगठन के अधिकांश सदस्य अभी भी यही चाहते हैं कि पार्टी की अगुवाई गांधी परिवार का ही कोई सदस्य करे, लेकिन इस साल के उत्तर प्रदेश चुनावों में प्रियंका का रिकॉर्ड बेहद खराब रहा और यह कई लोगों के दिमाग में है.

हमारे संवाददाता को सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली कि राहुल गांधी को इस बात के लिए काफी प्रेरित किया गया कि वे कांग्रेस अध्यक्ष पद की भूमिका स्वीकार कर लें, लेकिन कोई भी कोशिश सफल नहीं हो सकी. 2019 के आम चुनाव में हार के बाद इस्तीफा देने के बाद से पार्टी सदस्यों की अपील को ठुकराते हुए, राहुल अपनी अनिच्छा पर अडिग रहे हैं.

कांग्रेस शुरू करेगी भारत जोड़ो यात्रा
इस बीच कांग्रेस जनता से टूटे संवाद के तार को जोड़ने की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाल रही है. इसका मेगा प्लान लॉन्च किया जा चुका है. राहुल गांधी ने ‘एक तेरा कदम, एक मेरा कदम, मिल जाए तो जुड़ जाए अपना वतन’ की अपील के साथ जनता से इस यात्रा में जुड़ने का आहृवान किया है. कन्याकुमारी से कश्मीर तक सात सितंबर को शुरू हो रही 3500 किमी की इस पदयात्रा की थीम भी इसी अनुरूप मिले कदम, जुड़े वतन रखी गई है.

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कन्याकुमारी में यात्रा की शुरूआत करेंगे और संकेतों से साफ है कि शुरू से आखिर तक अधिकांश समय वे इस पदयात्रा की अगुआई करते रहेंगे. जनता से कनेक्ट बनाने का गंभीर संदेश देने के लिए कांग्रेस ने यह भी ऐलान किया है कि पांच महीने की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पदयात्री होटलों में नहीं रुकेंगे बल्कि गांव, कस्बे और नगरों में पड़ाव डालकर रात्रि विश्राम करेंगे.