रिकॉर्ड समय में बहाल होगा सामरिक महत्व का मनाली-लेह मार्ग, ऐसे हटाई जा रही बर्फ की दीवार, देखें तस्वीरें

 सामरिक महत्व के मनाली-लेह मार्ग की बहाली के लिए मात्र 37 किलोमीटर से कम का फासला रह गया है। बीआरओ ने दोनों ओर से बर्फ हटाने का काम युद्धस्तर पर शुरू किया है। मनाली के साथ सरचू की तरफ से बर्फ हटाओ अभियान को तेज किया गया है। सोमवार तक मनाली से 170 और सरचू की तरफ से 15 किलोमीटर से बर्फ को हटाया गया। मंगलवार सुबह से बर्फ हटाने का कार्य फिर शुरू हुआ। मनाली से हिमाचल की सीमा सरचू तक की कुल दूरी करीब 222 किलोमीटर है।

सीमा सड़क संगठन ने मनाली-लेह मार्ग को बहाल करने के लिए का लक्ष्य 31 मार्च से पहले का रखा है। जबकि पिछले साल यह मार्ग 28 मार्च को बहाल हुआ था। बीआरओ के अधिकारियों का कहना है कि मौसम ने साथ दिया तो लक्ष्य से पहले मनाली-लेह को खोला जाएगा। हालांकि बीआरओ का काफिला दोनों तरफ से दारचा से आगे पटसेउ और सरचू से बारालाचा की ओर बढ़ रहा है। 

वहीं बीआरओ को भी माइनस तापमान में बारालाचा में अधिक पसीना बहाना पड़ेगा। बीआरओ के कमाडंर कर्नल शबरीश वाचली ने कहा कि बीआरओ मनाली-लेह मार्ग बहाली के करीब पहुंचने वाला है।
सामरिक महत्व के मनाली-लेह मार्ग से अब दोगुना गति से बर्फ की दीवार हटाई जा रही है। इसके लिए सीमा सड़क संगठन ने आधुनिक तकनीक के अमेरिकन स्नो कटर कोडिएक को हाईवे पर उतारा है।
222 किलोमीटर लंबे मनाली-सरचू मार्ग से अब मात्र 37 किलोमीटर से बर्फ को हटाना शेष रह गया है। इसकी क्षमता एक घंटे में पांच हजार टन बर्फ हटाने की है।
सामरिक सड़क मार्गों के निर्माण और बर्फ हटाने के लिए बीआरओ आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल कर रहा है। जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में करीब 300 किलोमीटर सड़क का दायरा बीआरओ के अधीन है।