रूसी नौसेना की Z अक्षर के निशान वाली इस पनडुब्बी को जुलाई महीने में बेरेंट्स सागर के किनारे स्थित सेवेरोमोर्स्क बंदरगाह पर देखा गया था। जिसके बाद इस पनडुब्बी की पहचान रूसी बोरेई ए क्लास न्यूक्लियर पॉवर्ड बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन के तौर पर की गई। नेवल न्यूज ने बताया कि रूसी सोशल मीडिया में वायरल हो रहीं तस्वीरें एक ही पनडुब्बी की हैं।
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रूसी वर्णमाला में Z जैसा कोई अक्षर नहीं
नेवल न्यूज की खबर के मुताबिक, रूसी सैन्य वाहनों और पनडुब्बी पर बना यह जिगजैक मार्किंग अंग्रेवी वर्णमाला के Z अक्षर के समान है। बड़ी बात यह है कि रूसी (सिरिलिक) वर्णमाला में यह अक्षर है ही नहीं। इसलिए, इसे कभी-कभी सैन्य हलकों में केवल एक आकृति के रूप में देखा जाता है। ऐसे में रूसी परमाणु पनडुब्बी पर इस अक्षर की उपस्थिति स्पष्ट रूप से यूक्रेन में युद्ध से संबंधित है। अब इस निशान को रूस की आक्रमकता से जोड़कर देखा जा रहा है। ऐसे में पुतिन यह बताना चाहते हैं कि अब आर्कटिक में भी रूसी नौसेना यूक्रेन जितनी आक्रमकता के साथ गश्त करेगी।
सेवेरोमोर्स्क बंदरगाह पर नजर आई Z निशान वाली पनडुब्बी
रूसी नौसेना की Z अक्षर के निशान वाली इस पनडुब्बी को जुलाई महीने में बेरेंट्स सागर के किनारे स्थित सेवेरोमोर्स्क बंदरगाह पर देखा गया था। जिसके बाद इस पनडुब्बी की पहचान रूसी बोरेई ए क्लास न्यूक्लियर पॉवर्ड बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन के तौर पर की गई। नेवल न्यूज ने बताया कि रूसी सोशल मीडिया में वायरल हो रहीं तस्वीरें एक ही पनडुब्बी की हैं। यह पनडुब्बी इस समय बेरेंट्स सागर और आर्कटिक महासागर में गश्त कर रही है। बोरेई क्लास की पनडुब्बियां आम तौर पर सोलह RSM-56 बुलावा न्यूक्लियर लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस होती हैं।
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8000 किमी तक मार करने वाली परमाणु मिसाइलों से लैस
रूसी RSM-56 बुलावा मिसाइल की तुलना अमेरिका के ट्राइडेंट मिसाइल की तुलना में काफी शक्तिशाली होती है। इस मिसाइल की रेंज 8000 किलोमीटर तक हो सकती है, जो अपने साथ 6 से 10 MIRV (मल्टीपल इंडिपेंडेंट रीएंट्री व्हीकल) ले जाने में सक्षम है। इसका मतलब यह है कि एक बुलावा मिसाइल के अंदर 6 से 10 मल्टीपल इंडिपेंडेंट रीएंट्री व्हीकल होते हैं, जो एक ही फायर में इतने लक्ष्यों को बर्बाद कर सकती है। इनमें से प्रत्येक 00-150 किलोटन के परमाणु वॉरहेड के साथ हमला करने में सक्षम है।
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रूसी सैन्य गाड़ियों पर लिखे Z का मतलब क्या है
रूसी रक्षा मंत्रालय ने यूक्रेन युद्ध की शुरुआत में बयान जारी कर बताया था कि Z का मतलब जीत होता है और V का अर्थ सत्य की ताकत है। हालांकि, सैन्य जानकारों ने दावा किया है कि इन अक्षरों को रूसी सेना के संबंधित क्षेत्रों के हिसाब से लिखा गया है। इससे गाड़ियों की पहचान होती है कि वे कौन से कमांड से संबंधित हैं। Z लिखी गाड़ियां रूसी सेना के ईस्टर्न मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट से संबंधित हैं। वहीं चौकोर बॉक्स के अंदर Z लिखी गाड़ियां क्रीमिया में तैनात रूसी सेना से जुड़ी हुई हैं।